RBI ने 11वीं बार ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया, अभी कम नहीं होगी आम लोगों की लोन EMI
अक्टूबर के महीने के महंगाई के आंकड़े और दूसरी तिमाही के जीडीपी के बीच फंसी भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मॉनेटरी पॉलिसी ने सबसे पहले महंगाई से जंग जारी रखने का ऐलान कर दिया है। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने पॉलिसी रेट का फैसला सुनाते हुए कहा कि रेपो रेट को फ्रीज रखा जाएगा। इसका मतलब है कि आरबीआई ने लगातार 11वीं बार ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है। आखिरी बार ब्याज दरों में बदलाव फरवरी 2023 में किया था। जब ब्याज दरों में 0.25 फीसदी की बढ़ोतरी की थी। उसके बाद से रिजर्व बैंक की ओर ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया गया है।
खास बात तो ये है कि ये बैठक आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास के कार्यकाल की आखिरी बैठक है। उसके बाद फरवरी में होने वाली बैठक में नए गवर्नर दिखाई दे सकते हैं। मौजूदा समय में आरबीआई का रेपो रेट 6.5 फीसदी पर है। मई 2022 से लेकर फरवरी 2023 तक रिजर्व बैंक की एमपीसी ने महंगाई को कंट्रोल करने के लिए रेपो रेट में कुल 2.50 फीसदी का इजाफा किया था। आम लोगों को इस बार काफी उम्मीदें थी कि एमपीसी ब्याज दरों में कटौती उन्हें राहत देगी लेकिन महंगाई के आंकड़ों ने एक बार फिर से आरबीआई के हाथ बांध दिए हैं।
बिजनेस डेस्कः अक्टूबर के महीने के महंगाई के आंकड़े और दूसरी तिमाही के जीडीपी के बीच फंसी भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मॉनेटरी पॉलिसी ने सबसे पहले महंगाई से जंग जारी रखने का ऐलान कर दिया है। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने पॉलिसी रेट का फैसला सुनाते हुए कहा कि रेपो रेट को फ्रीज रखा जाएगा। इसका मतलब है कि आरबीआई ने लगातार 11वीं बार ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है। आखिरी बार ब्याज दरों में बदलाव फरवरी 2023 में किया था। जब ब्याज दरों में 0.25 फीसदी की बढ़ोतरी की थी। उसके बाद से रिजर्व बैंक की ओर ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया गया है।
खास बात तो ये है कि ये बैठक आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास के कार्यकाल की आखिरी बैठक है। उसके बाद फरवरी में होने वाली बैठक में नए गवर्नर दिखाई दे सकते हैं। मौजूदा समय में आरबीआई का रेपो रेट 6.5 फीसदी पर है। मई 2022 से लेकर फरवरी 2023 तक रिजर्व बैंक की एमपीसी ने महंगाई को कंट्रोल करने के लिए रेपो रेट में कुल 2.50 फीसदी का इजाफा किया था। आम लोगों को इस बार काफी उम्मीदें थी कि एमपीसी ब्याज दरों में कटौती उन्हें राहत देगी लेकिन महंगाई के आंकड़ों ने एक बार फिर से आरबीआई के हाथ बांध दिए हैं।
महंगाई का अनुमान
अक्टूबर महीने में देश की महंगाई दर 6 फीसदी से ज्यादा देखने को मिली थी जबकि आरबीआई ने अक्टूबर महीने की एमपीसी में तीसरी तिमाही में महंगाई दर 4.8 फीसदी रहने का अनुमान लगाया था जो उससे 4.7 फीसदी था। चौथी तिमाही में महंगाई दर के अनुमान 1 बेसिस प्वाइंट की कटौती की गई थी और 4.2 फीसदी कर दिया गया था। अगले वित्त वर्ष की पहली तिमाही में महंगाई दर अनुमान को एक बेसिस प्वाइंट कम कर 4.3 फीसदी कर दिया गया था जबकि मौजूदा वित्त वर्ष में महंगाई दर के अनुमान 4.5 फीसदी में कोई बदलाव नहीं किया गया था।