रोजगार का साथी होगा ‘ड्रोन’, खरीद पर मिलेगा 3.65 लाख रुपये का अनुदान
भभुआ। आधुनिक तरीके से खेती करने के लिए बिहार सरकार किसानों को विभिन्न तरह की संचालित योजनाओं का लाभ अनुदानित दर पर दे रही है, ताकि किसान खेती कर अधिक-से अधिक लाभ प्राप्त कर सकें। तकनीकी विधि से खेती कराने में ड्रोन किसानों को उपयोगी साबित हो रहा है। ड्रोन का उपयोग खेती में दवा के छिड़काव में लागत कम करने के लिए किया जा रहा है। साथ ही यह रोजगार का साथी भी बन रहा है।
सरकार किसानों व संगठन को ड्रोन की खरीद पर अनुदान भी दे रही है। जिससे किसानों को ड्रोन की खरीद के लिए अधिक राशि खर्च नहीं करनी पड़ेगी। इस संबंध में सहायक निदेशक पौधा संरक्षण शिवाजी कुमार ने बताया कि कृषि विभाग ने पायलट प्रोजेक्ट के अंतर्गत ड्रोन की खरीद के लिए 26 दिसंबर तक आवेदन आमंत्रित किए हैं।
वेबसाइट पर करें ऑनलाइन आवेदन
उन्होंने कहा कि जिले के निबंधित किसान निर्धारित तिथि तक ड्रोन के लिए विभाग की वेबसाइट पर जरूरी कागजात के साथ ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। सरकारी स्तर पर संयंत्र की खरीदारी करने पर 60 प्रतिशत या अधिकतम 3.65 लाख रुपये का अनुदान मिलेगा।
सहायक निदेशक ने कहा कि किसानों के अलावा एफपीओ, कृषि यंत्र बैंक संचालक स्वयं सहायता समूह, लाइसेंसधारी खाद बीज विक्रेताओं के साथ ही साथ पंजीकृत संस्था भी ड्रोन अनुदान के लिए आवेदन कर सकती है। अनुदान का भुगतान कृषि विभाग के द्वारा सीधे संबंधित ड्रोन विक्रेता कंपनी या एजेंसी के खाते में किया जाएगा।
लॉटरी के माध्यम से होगा लाभार्थियों का चयन
सहायक निदेशक ने बताया कि चयनित लाभार्थी को आईआईटी बिहटा या डॉ. राजेन्द्र प्रसाद कृषि विश्व विद्यालय पूसा में 15 दिनों का प्रशिक्षण दिया जाएगा। लाभार्थियों का चयन लॉटरी से किया जाएगा। इसके लिए जिला स्तरीय टीम का गठन किया गया है। उन्होंने बताया कि इस योजना में आवेदन के लिए इंटरमीडिएट विज्ञान का प्रमाण पत्र एवं जाति प्रमाण पत्र की आवश्यकता है।
किसानों को मिलेगा लाभ
बता दें कि खेतों में कीटनाशकों का छिड़काव करने के लिए किसान अभी भी पुराना तरीका ही अपना रहे हैं। किसान खेतों में जाकर दवा का छिड़काव करते हैं। इससे किसानों के स्वास्थ्य पर विपरित प्रभाव पड़ता है। साथ ही, खेतों में जाने और दवा के छिड़काव के दौरान मात्रा कम ज्यादा होने से फसलों को भी नुकसान होता है। किसानों को नई तकनीक का प्रयोग करने से फसलों की अधिक पैदावार के साथ ही उनकी सेहत भी ठीक होगी।