महाराष्ट्र से लेकर झारखंड तक, क्यों हो रही संविधान की चर्चा, कांग्रेस की पिच पर खेल रहे पीएम मोदी?
लोकसभा चुनाव से पहले राहुल गांधी और कांग्रेस के अन्य दिग्गज नेता देश की जनता के सामने ये गुहार लगा रहे थे संविधान खतरे में है, संविधान को बचाना है… । इस मुद्दे के दम पर कांग्रेस की सीटों में अच्छी-खासी बढ़ोतरी भी देखने को मिली। संविधान के मुद्दे से मिलने वाला चुनावी फायदा अन्य सियासी दलों को भी आकर्षित कर रहा है। शायद यही वजह है कि बीजेपी भी कांग्रेस की राह पर चल पड़ी है। महाराष्ट्र और झारखंड की चुनावी रैलियों में अब बीजेपी, कांग्रेस पर संंविधान को खत्म करने का आरोप लगा रही है। पीएम मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राहुल गांधी पर हमला करते हुए कहा, ‘कांग्रेस बाबा साहब के संविधान को खत्म करना चाहती है। कांग्रेस और उनके साथियों को बाबा साहब के संविधान से नफरत है।’
‘संविधान को खत्म करने की कांग्रेस की पुरानी सोच’
उन्होंने आगे कहा, ‘संविधान के नाम पर लाल किताब छपवाना, उसमें से संविधान के शब्दों को हटाना। ये संविधान को खत्म करने की कांग्रेस की पुरानी सोच का नमूना है। ये कांग्रेस वाले देश में बाबा साहब का नहीं बल्कि अपना अलग ही संविधान चलाना चाहते हैं। कांग्रेस और उनके साथियों को बाबा साहब के संविधान से नफरत है।’
‘कांग्रेस ने संविधान के साथ सबसे पहला विश्वासघात…’
पीएम मोदी ने कहा, ‘आजादी के बाद कांग्रेस पार्टी ने बाबा साहेब के संविधान के साथ सबसे पहला विश्वासघात कश्मीर में किया था। पूरे देश ने बाबा साहब के संविधान को स्वीकार किया। लेकिन कांग्रेस पार्टी ने आर्टिकल 370 के जरिए कश्मीर में अलग विधान चलाया। कश्मीर में हमारे तिरंगे की जगह अलग झंडा चलाया। कांग्रेस ने जम्मू-कश्मीर के दलितों को उनके कोई अधिकार नहीं दिए। कश्मीर इतने दशकों तक आतंकवाद की आग में जलता रहा, वहां अलगाववाद फलता-फूलता रहा। देश को पता भी नहीं चलने दिया कि इस देश में 75 साल तक 2 संविधान चले।’
राहुल गांधी ने संविधान का अपमान किया: शाह
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी शनिवार को झारखंड की छतरपुर विधानसभा सीट पर चुनावी सभा को संबोधित करते हुए कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर संविधान का अपमान करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि ‘राहुल गांधी जनसभाओं में संविधान के नाम पर लाल कवर वाली जो किताब लहराते हैं, उसमें ऊपर भले भारत का संविधान लिखा है, लेकिन उसके पन्ने कोरे हैं। वह नकली किताब दिखाते हैं। यह भारत के संविधान और बाबासाहेब अंबेडकर का अपमान है।’