Gaza पर कब्जे को लेकर क्या है इजरायल का प्लान, Netanyahu ने जारी किया बयान
इजरायल और हमास के बीच जारी युद्ध को तीन महीने बीत चुके हैं, लेकिन यह जंग थमती नहीं दिख रही है. हमास के समर्थन में हिजबुल्ला और हूती विद्रोहियों के खुल कर उतरने के बाद भी गाजा पर इजरायली हमले रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं. इजरायली सेना अब हमास की सुरंगों को निशाना बनाते हुए कार्रवाई कर रही है. इस जंग के बीच यह सवाल भी उठाया जा रहा है कि क्या गाजा पर हमले के बाद इजरायल वहां की जनता को हटाकर उनकी जमीन पर हमेशा के लिए कब्जा कर लेगा? इन सवालों के बीच अब इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू (Benjamin Netanyahu) ने गाजा पर कब्जे को लेकर अपना रुख स्पष्ट किया है.
यरुशलम पोस्ट के मुताबिक नेतन्याहू ने अंग्रेजी में एक वीडियो जारी कर कहा है कि गाजा पर हमेशा के लिए कब्जा करने का इजरायल का कोई प्लान नहीं है. हम वहां रहने वाले लोगों को हमेशा के लिए विस्थापित नहीं करना चाहते हैं. नेतन्याहू का वीडियो सामने आने के बाद अनुमान लगाया जा रहा है कि इजरायल ने यह फैसला साउथ अफ्रीका के साथ शुरू हुए नए तनाव के बाद लिया है. दरअसल, गाजा पर इजरायल की जवाबी कार्रवाई के खिलाफ दक्षिण अफ्रीका ने इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (ICJ) का रुख किया है. ICJ में साउथ अफ्रीका ने इजरायल पर नरसंहार करने का आरोप लगाया है.
नेतन्याहू ने वीडियो जारी कर कहा है कि इजरायल का गाजा पर स्थायी कब्जे का या वहां के नागरिकों को विस्थापित करने का कोई इरादा नहीं है. इजरायल फिलिस्तीनी आबादी से नहीं, बल्कि हमास के आतंकियों से लड़ रहा है. उन्होंने यह भी कहा कि आईडीएफ ने पर्चों के माध्यम से, चेतावनी देकर और सुरक्षित कॉरिडोर बनाकर फिलिस्तीनी मौतों को कम करने की कोशिश की है. नेतन्याहू ने यह भी कहा कि हमास ने फिलिस्तीनी मौतों की संख्या को बढ़ाने की ही कोशिश की है.
23 हजार से ज्यादा लोगों की हो चुकी है मौत
बताते चलें कि इजरायली हमले में अब तक 23 हजार से ज्यादा फिलिस्तीनी नागरिक मारे जा चुके हैं. 58 हजार से ज्यादा लोग घायल हैं. 23 लाख लोग बेघर हो चुके हैं. 7 अक्टूबर को हमास के हमले के बाद से इजरायल का पलटवार जारी है, जो हमास के खात्मे के बाद ही खत्म होगा. दूसरी तरफ इजरायल की सेना ने उत्तरी गाजा में हमास के कमांड स्ट्रक्चर को बर्बाद करने का दावा किया है. सेना के प्रवक्ता डेनियल हगारी ने बताया कि इस क्षेत्र में फिलिस्तीनी लड़ाके अब छिटपुट रूप से बिना कमांडरों के लड़ रहे हैं.