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अमेरिका में वोटिंग और काउंटिंग शुरू; इलेक्टोरल कॉलेज से निकलेगा परिणाम, दुनिया की धड़कनें तेज

अमेरिका में 5 नवंबर को राष्ट्रपति चुनाव के लिए  वोटिंग और काउंटिंग दोनों शुरू हो चुकी है और परिणाम के लिए पूरी दुनिया की धड़कनें तेज  नजर आ रही हैं। इस बार चुनावी मुकाबला डेमोक्रेटिक पार्टी की उपराष्ट्रपति कमला हैरिस और रिपब्लिकन पार्टी के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच है। अमेरिका में पिछले कुछ हफ्तों में अर्ली वोटिंग में लगभग 8 करोड़ लोगों ने वोट डालने की सूचना दी है। दोनों पार्टियां अपनी चुनावी रणनीतियों के तहत जोरदार प्रचार कर रही हैं, खासकर पेंसिल्वेनिया जैसे स्विंग स्टेट्स में।

अमेरिका में 5 नवंबर को राष्ट्रपति चुनाव के लिए वोटिंग और काउंटिंग दोनों शुरू हो चुकी है और परिणाम के लिए पूरी दुनिया की धड़कनें तेज  नजर आ रही हैं

Washington: अमेरिका में 5 नवंबर को राष्ट्रपति चुनाव के लिए  वोटिंग और काउंटिंग दोनों शुरू हो चुकी है और परिणाम के लिए पूरी दुनिया की धड़कनें तेज  नजर आ रही हैं। इस बार चुनावी मुकाबला डेमोक्रेटिक पार्टी की उपराष्ट्रपति कमला हैरिस और रिपब्लिकन पार्टी के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच है। अमेरिका में पिछले कुछ हफ्तों में अर्ली वोटिंग में लगभग 8 करोड़ लोगों ने वोट डालने की सूचना दी है। दोनों पार्टियां अपनी चुनावी रणनीतियों के तहत जोरदार प्रचार कर रही हैं, खासकर पेंसिल्वेनिया जैसे स्विंग स्टेट्स में।

इस चुनाव के परिणाम की घोषणा में संभवतः कई दिन लग सकते हैं, और नया राष्ट्रपति जनवरी 2025 में शपथ लेगा। अमेरिका की राष्ट्रपति चुनाव में जनता सीधे उम्मीदवार को वोट नहीं दे सकती है। वोटर्स 538 सदस्यों की इलेक्टोरल बॉडी को चुनती है, जिसे इलेक्टोरल कॉलेज कहते हैं। इन्हीं के वोट के आधार पर राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति का चयन होता है। अमेरिका में हर चार साल बाद चुनाव होते हैं। इसके वोटिंग का दिन और महीना तय है। अमेरिकी राष्‍ट्रपति चुनाव के लिए नवंबर के महीने में सोमवार के बाद वाले मंगलवार को वोटिंग होती है। अगर पहला मंगलवार 1 नवंबर को आ जाए तो उस मंगलवार को वोटिंग नहीं होगी, क्‍योंकि 1 नवंबर को ईसाई ऑल सेंट्स डे मनाते हैं।


 वोटिंग-मतगणना शुरू 
अमेरिका के आठ राज्यों में मतदान  शुरू हो गया है, जिसमें कनेक्टिकट, न्यू जर्सी, न्यूयॉर्क, न्यू हैम्पशायर और वर्जीनिया शामिल हैं। इसके अलावा, इंडियाना और केंटकी में भी मतदान की प्रक्रिया आरंभ हो गई है। मेन राज्य में कुछ नगरपालिका सीटों पर मतदान सुबह 10 बजे शुरू होगा। भारतीय समयानुसार, वोटिंग प्रक्रिया अमेरिका में शाम 4:30 बजे शुरू हुई। अमेरिका के गुआम आईलैंड में भी मतदान की प्रक्रिया शुरू हो गई है, लेकिन यहां के मतदाता राष्ट्रपति चुनने का अवसर नहीं पाते हैं, क्योंकि गुआम में इलेक्टोरल कॉलेज वोट नहीं होते। न्यू हैम्पशायर के डिक्सविले नॉच में आधी रात को मतदान शुरू होते ही कमला हैरिस और डोनाल्ड ट्रंप को 3-3 वोट मिल चुके हैं। यह क्षेत्र 100 से कम आबादी वाले क्षेत्रों में शामिल है, जहां आधीरात को मतदान कराया जाता है।

सुरक्षा और नेशनल गार्ड की तैनाती
राष्ट्रपति चुनाव से पहले, 17 राज्यों में नेशनल गार्ड को तैनात किया गया है ताकि चुनावी प्रक्रिया का सुचारु संचालन सुनिश्चित किया जा सके। इनमें ओरेगन, वॉशिंगटन और नेवादा जैसे राज्य शामिल हैं। एफबीआई ने चुनावी निगरानी के लिए वॉशिंगटन में नेशनल इलेक्शन कमांड पोस्ट की स्थापना की है।

फैशन और उद्योग जगत का समर्थन
भारतीय मूल की हॉलीवुड एक्ट्रेस पूर्णा जगन्नाथन ने कमला हैरिस का समर्थन किया है। वह अपने काम के लिए जानी जाती हैं, जिसमें अमेरिकी और भारतीय सिनेमा दोनों का योगदान है। अमेरिकी उद्योगपति शलभ कुमार ने कहा है कि यदि डोनाल्ड ट्रंप दोबारा चुने जाते हैं, तो वह खालिस्तानियों पर कार्रवाई करेंगे और कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो को उनकी बात सुननी पड़ेगी। इस चुनाव के परिणामों पर पूरे देश की निगाहें टिकी हुई हैं, और इसके नतीजे अमेरिकी राजनीति के दिशा-निर्देश तय कर सकते हैं।

अमेरिकी चुनाव में  इलेक्टोरल कॉलेज  क्या है और कैसे करता है काम 
इलेक्टोरल कॉलेज अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों की एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है, जिसके द्वारा अमेरिकी नागरिक अप्रत्यक्ष रूप से अपने राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति का चुनाव करते हैं। इसे ऐसे समझा जा सकता है जैसे भारत में लोग अपनी विधानसभा या लोकसभा सीट पर विधायक या सांसद का चुनाव करते हैं, और बाद में वही विधायक या सांसद मुख्यमंत्री या प्रधानमंत्री चुनते हैं। हालाँकि, अमेरिका में यह प्रक्रिया और भी अधिक जटिल है।

 इलेक्टोरल कॉलेज का कार्य
अमेरिकी नागरिक राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के लिए वोट करते समय अपने-अपने राज्यों के निर्वाचकों (इलेक्टर्स) को चुनते हैं। ये निर्वाचक बाद में उन उम्मीदवारों का समर्थन करते हैं जिनके लिए जनता ने वोट दिया है। अमेरिका में कुल 538 इलेक्टोरल वोट हैं। इनमें से 535 इलेक्टर्स अमेरिका के सभी 50 राज्यों से आधारित होते हैं, जबकि 3 अतिरिक्त इलेक्टर्स अमेरिकी राजधानी वाशिंगटन, डीसी (डिस्ट्रिक्ट ऑफ कोलंबिया) से आते हैं।

इलेक्टोरल वोट का वितरण
इन 535 इलेक्टोरल वोटों को समझने के लिए अमेरिका की संसद की कुल सीटों की संख्या को देखना ज़रूरी है, जो 535 है। इसमें 435 हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव (प्रस्तावित प्रतिनिधि) और 100 सीनेट के सदस्य शामिल होते हैं। भारत के राजनीतिक ढांचे के समान, हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव के सदस्यों को लोकसभा के सांसदों के समकक्ष और सीनेट के सदस्यों को राज्यसभा के सांसदों के समकक्ष समझा जा सकता है। हर राज्य में कम से कम एक और अधिकतम अपनी आबादी के अनुसार हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव के सदस्य होते हैं, जबकि सीनेट से हर राज्य से केवल दो सदस्य होते हैं। इस प्रकार, चुनाव में प्रत्येक राज्य से कम से कम तीन इलेक्टोरल वोट अवश्य होते हैं।

कितने वोट की जरूरत
राष्ट्रपति चुनाव जीतने के लिए किसी भी उम्मीदवार को कुल 538 में से 270 इलेक्टोरल वोट का बहुमत प्राप्त करना होता है। यदि कोई उम्मीदवार इस संख्या को पार कर लेता है, तो उसे राष्ट्रपति चुन लिया जाता है।इस तरह, इलेक्टोरल कॉलेज एक महत्वपूर्ण प्रणाली है जो अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव की प्रक्रिया को संचालित करता है, और यह निश्चित करता है कि राष्ट्रपति का चुनाव किस प्रकार होता है।

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