नींद न आने की समस्या से हैं परेशान?, दिनचर्या और खानपान को संतुलित रखें
आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में अच्छी और गहरी नींद पाना एक चुनौती बन गया है. लंबे समय तक अच्छी नींद न मिलने से मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर गंभीर असर पड़ सकता है. विशेषज्ञों का मानना है कि जो लोग नियमित रूप से गहरी नींद का आनंद लेते हैं, वे सुबह जल्दी और ताजगी के साथ उठते हैं, जिससे उनकी पूरी दिनचर्या प्रभावित होती है. आयुर्वेदिक विशेषज्ञ डॉ. पंकज कुमार के अनुसार, “स्वस्थ और ऊर्जावान जीवन के लिए समय पर सोना और पर्याप्त नींद लेना बेहद आवश्यक है. 6-8 घंटे की पर्याप्त नींद, शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद करती है.”
1. अच्छी नींद के लिए दिनचर्या और खानपान पर ध्यान दें
अच्छी और गहरी नींद पाने के लिए सबसे पहले जरूरी है कि अपनी दिनचर्या और खानपान को संतुलित रखें. नियमित रूप से व्यायाम करना और स्वस्थ आहार लेना नींद की गुणवत्ता को बढ़ाने में सहायक होता है. कोशिश करें कि रात के भोजन के तुरंत बाद न सोएं. भोजन के कम से कम डेढ़ से दो घंटे बाद सोने से पाचन क्रिया सुचारू रहती है, जिससे नींद में सुधार होता है.
रात में भोजन हल्का और संतुलित लेना चाहिए, जिससे पेट पर ज्यादा दबाव न पड़े और पाचन तंत्र सुचारू रहे. आयुर्वेद के अनुसार, रात के भोजन के उपरांत गुनगुना पानी पीने से पाचन में सुधार होता है. भैंस का दूध भी नींद लाने में सहायक माना जाता है; सोने से पहले इसका सेवन नींद की गुणवत्ता को बढ़ा सकता है.
2. सोने से पहले इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स से दूरी बनाएं
आजकल लोगों की नींद पर सबसे बड़ा नकारात्मक प्रभाव उनके सोने के समय में मोबाइल, लैपटॉप, और टीवी जैसे इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स का इस्तेमाल है. ये गैजेट्स नींद में रुकावट डालते हैं, क्योंकि इनमें से निकलने वाली ब्लू लाइट दिमाग को सक्रिय रखती है और नींद में बाधा उत्पन्न करती है. सोते समय मोबाइल को अपने शरीर से कम से कम चार से पांच फीट दूर रखें, जिससे इनसे निकलने वाला रेडिएशन आपको प्रभावित न कर सके.
इसके अलावा, यदि आपको रात में बार-बार मोबाइल देखने की आदत है, तो इसे कमरे से बाहर रखने की कोशिश करें. इससे आपके मन को शांति मिलेगी और अच्छी नींद में मदद मिलेगी.
3. नियमित रूप से व्यायाम और प्राणायाम का अभ्यास करें
अच्छी नींद पाने के लिए रोजाना व्यायाम और प्राणायाम का अभ्यास फायदेमंद हो सकता है. योग, ध्यान और प्राणायाम से मानसिक शांति मिलती है, जो नींद में सुधार करता है. दिन में 10 से 15 मिनट के लिए ध्यान या साँसों का व्यायाम करने से तनाव को कम किया जा सकता है. सोने से पहले हल्की सैर करना भी नींद में सहायक होता है. सोने से पहले कम से कम 100 कदम चलने से रक्त संचार बेहतर होता है और नींद में सुधार होता है.
4. तनावमुक्त रहें और मानसिक शांति का ध्यान रखें
अच्छी नींद के लिए मानसिक शांति का होना भी आवश्यक है. यदि आप किसी तनाव में रहते हैं, तो यह नींद पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकता है. मानसिक तनाव को कम करने के लिए आप अश्वगंधा या सर्पगंधा जैसी आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों का उपयोग कर सकते हैं. तनावमुक्त रहने के लिए दिन के कामों को समय पर पूरा करने की कोशिश करें और आवश्यक ब्रेक लेते रहें.
अश्वगंधा और सर्पगंधा जैसे आयुर्वेदिक नुस्खे मानसिक संतुलन को बनाए रखने में मदद करते हैं और एकाग्रता में भी सुधार लाते हैं. इनका सेवन स्वास्थ्य विशेषज्ञ की सलाह के अनुसार ही करें.
5. आवश्यकता से अधिक नींद न लें
नींद जरूरी है, लेकिन आवश्यकता से अधिक सोना भी स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है. अधिक सोने से शरीर में सुस्ती और आलस्य का अनुभव होता है, जिससे पूरे दिन के कार्यों में देरी हो सकती है. अधिक सोने से मोटापा, शारीरिक भारीपन, और स्वास्थ्य संबंधी अन्य समस्याएँ भी उत्पन्न हो सकती हैं.
विशेषज्ञों का मानना है कि संतुलित नींद न केवल मानसिक स्वास्थ्य के लिए बल्कि शारीरिक स्वास्थ्य के लिए भी आवश्यक है. जो लोग आवश्यकता से अधिक सोते हैं, उनमें ऊर्जा की कमी होती है और कार्यों में मन नहीं लगता है.