सरकार की दो टूक, टेलिकॉम सेक्टर में नहीं चलेगी एक कंपनी की मनमानी
टेलिकॉम मिनिस्टर ज्योतिरादित्य सिंधिया ने टेलिकॉम सेक्टर को सपोर्ट देने का ऐलान किया है। ऐसा माना जा रहा था कि सैटेलाइट इंटरनेट की एंट्री के बाद मोबाइल बेस्ड टेलिकॉम सेक्टर को नुकसान उठाना पड़ सकता है। हालांकि मंत्री ने इससे इनकार किया है। उन्होंने भरोसा दिलाया है कि भारत के डिजिटल इंफ्रॉस्ट्रक्चर को बढ़ावा देने के लिए कम से कम 5 प्लेयर होने चाहिए। मंत्री ने दो टूक जवाब देते हुए कहा कि टेलिकॉम सेक्टर में किसी एक कंपनी का दबदबा नहीं चलेगा। साथ ही सैटेलाइट कम्यूनिकेशन और स्टारलिंक जैसी सैटेलाइट ऑपरेटर के मुद्दे पर बातचीत की।
देश में 4 से 5 टेलिकॉम कंपनियां मौजूद
मंत्री ने बताया कि टेलिकॉम सेक्टर को मजबूत बनाने के लिए सरकार ने मोबाइल कंपनियों के लिए आर्थिक पैकेज का ऐलान किया है। सरकार का मनना है कि टेलिकॉम सेक्टर में कुछ ही कंपनियों का कब्जा न हो जाए। यही वजह है कि केंद्र देश में कम से कम 4 से 5 टेलिकॉम कंपनियां चाहती है। ऐसे में सरकार का समर्थन जरूरी हो जाता है। ऐसा दावा किया जा रहा है कि अगले एक दशक में भारत दुनिया में बड़े पैमाने पर अपनी सर्विस का विस्तार करेगा, जिसमें टेलिकॉम सेक्टर का मजबूत होना जरूरी है।
मंत्री ने ओवर द टॉप यानी ओटीटी कम्यूनिकेशन सर्विस जैसे वॉट्सऐप और टेलिग्राम के मुद्दे पर बात की। उन्होंने कहा कि ओटीटी सर्विस पर रेगुलेशन का मुद्दा टेलिकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया यानी TRAI के पास रिव्यू के लिए मौजूद है। उन्होंने सैलेटलाइट स्पेक्ट्रम आवंटन के मामले में सरकार के पक्ष को स्पष्ट करते हुए कहा कि सैटेलाइट स्पेक्ट्रम का प्रशासनिक आवंटन किसी भी देश की तरफ से नीलामी प्रक्रिया से नहीं किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि सैटेलाइट स्पेक्ट्रम की प्राइसिंग ट्राई की तरफ से तय की जाएगी।
भारत की पॉलिसी हर देश के लिए
नए सैटेलाइट प्लेयर जैसे स्टारलिंक के मु्द्दे पर मंत्री का कहा कि इंडिया की पॉलिसी सभी के लिए पूरी तरह से खुली है। अगर कोई कंपनी लाइसेंसिंग के नियमों को पूरा करती है, उसे देश में काम करने की इजाजत दी जाएगी। उन्होंने कहा कि भारत सभी के लिए खुला है, जहां कोई भी यहां आकर अप्लाई कर सकता है। बता दें कि पिछले कुछ माह में जियो और एयरटेल जैसी लोकल टेलिकॉम ऑपरेटर ने सरकार पर दबाव बनाया था कि सरकार को नीलामी प्रक्रिया से सैटेलाइट स्पेक्ट्रम का आवंटन करना चाहिए। हालांकि सरकार ने इससे इनकार कर दिया था।