पत्रवार्ता, शाह ने कहा-खरगे साहब, मेरे इस्तीफे से आपकी दाल नहीं गलने वाली…
नई दिल्ली : अमित शाह ने कांग्रेस के आरोपों पर पलटवार किया है। शाह ने कहा कि इस मामले में कांग्रेस नेताओं के बयान निंदनीय हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस खुद आरक्षण विरोधी, संविधान विरोधी है। शाह ने कहा कि कांग्रेस सावरकर विरोधी है। शाह ने एक बार फिर इमरजेंसी का हवाला देते हुए संविधान के अपमान की बात कही। खरगे की तरफ से इस्तीफे की मांग पर शाह ने कहा कि अगर खरगे साहब को मेरे इस्तीफे से खुशी होती है तो मैं इस्तीफा दे दूंगा लेकिन मेरे इस्तीफे से खरगे साहब की दाल नहीं गलेगी।
शाह ने कहा, मैं खरगे साहब को कहना चाहता हूं आप अभी जहां हैं वहां, आपको 15 साल तक बैठना है। शाह ने कहा कि संविधान पर कांग्रेस का सच जब उजागर हो गया है तो कांग्रेस समाज में भ्रांति फैलाने का कुत्सित प्रयास किया है। शाह ने कहा कि मेरे बयान को तोड़मरोड़ कर पेश किया गया है। मेरा पूरा बयान दिखाइए पूरी सच्चाई सामने आ जाएगी।
मैं सपने में भी अंबेडकर का अपमान नहीं कर सकता। मेरे बयान को तोड़मरोड़ कर पेश किया गया। कांग्रेस ने मेरा आधा बयान दिखाया। हम इस मामले में कानूनी विकल्पों पर विचार कर रहे हैं।
शाह ने कहा कि संसद में जब यह साबित हो गया कि कांग्रेस ने किस तरह से बाबा साहेब का विरोध किया है। कांग्रेस ने किस तरह से बाबा साहब को हाशिये पर ढकेलने का काम किया है। अमित शाह ने बाबा साहेब को हराने के लिए कांग्रेस के अतीत के प्रयास का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के नेताओं ने खुद को भारत रत्न दिया। शाह ने नेहरू और इंदिरा गांधी का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि बाबा साहेब को भारत रत्न कांग्रेस के सत्ता में बाहर रहने के दौरान ही मिला।
मेरे बयान को तोड़-मरोड़कर पेश किया
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि राज्यसभा में मेरे बयान को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया… पहले उन्होंने पीएम मोदी के भी एडिटेड बयानों को सार्वजनिक किया। चुनाव जब चल रहा था तब मेरे बयानों को AI का उपयोग कर एडिट किया गया और पूरे देश में इसे प्रसारित करने का घृणित कार्य किया गया और आज अंबेडकर जी के लिए मेरी बात को तोड़-मरोड़कर वे पेश कर रहे हैं।
शाह ने कहा कि मैं स्पष्टता के साथ कहना चाहता हूं, मीडिया से अपील भी करता हूं कि मेरा पूरा बयान जनता के सामने रखिए। मैं उस पार्टी से आता हूं जो कभी अंबेडकर का अपमान नहीं कर सकती। पहले जनसंघ और फिर बीजेपी ने हमेशा अंबेडकर जी के सिद्धांतों पर चलने का प्रयास किया है… आरक्षण को और मजबूत करने का काम बीजेपी ने किया है।