तीन दिन में 2,000 अंक गिरा सेंसेक्स, निवेशकों के 7 लाख करोड़ स्वाहा
बिजनेस डेस्कः भारतीय शेयर बाजार में लगातार तीसरे सेशन में गिरावट देखी गई। 18 दिसंबर को सेंसेक्स और निफ्टी 50 दोनों ही 0.80 प्रतिशत की गिरावट के साथ इंट्राडे ट्रेडिंग करते नजर आए। गिरावट का असर केवल ब्लूचिप कंपनियों तक सीमित नहीं रहा, बल्कि बीएसई मिडकैप और स्मॉलकैप इंडेक्स भी 1 प्रतिशत तक गिरे।PauseUnmute
सेंसेक्स में भारी गिरावट
आज के निचले स्तर 80,050 पर पहुंचने के बाद, सेंसेक्स ने तीन दिनों में 2,000 से अधिक अंकों की गिरावट दर्ज की है। बीएसई में लिस्टेड कंपनियों का कुल मार्केट कैप भी ₹459 लाख करोड़ (13 दिसंबर) से घटकर ₹452 लाख करोड़ हो गया है। इस गिरावट के कारण निवेशकों को तीन दिनों में लगभग ₹7 लाख करोड़ का नुकसान हुआ है।
शेयर बाजार में गिरावट के कारण
अमेरिका में बढ़ती महंगाई और धीमी होती आर्थिक वृद्धि के बीच निवेशकों की नजर फेडरल रिजर्व की नीतिगत बैठक के परिणाम पर है। फेडरल ओपन मार्केट कमिटी (FOMC) की दो दिवसीय बैठक 17 दिसंबर को शुरू हुई थी और इसका परिणाम आज आने वाला है।
विशेषज्ञों के अनुसार, इस बैठक में फेड की ओर से 25 बेसिस प्वाइंट (bps) की दर कटौती की उम्मीद की जा रही है। हालांकि, महंगाई की चुनौती और फेडरल रिजर्व की 2 प्रतिशत की महंगाई लक्ष्य को देखते हुए चेयरमैन जेरोम पॉवेल भविष्य की दर कटौती को लेकर सतर्क रुख अपना सकते हैं।
पेस 360 के को-फाउंडर और मुख्य वैश्विक रणनीतिकार अमित गोयल ने कहा कि इस बैठक में ब्याज दर कटौती की संभावना तो है लेकिन डॉट प्लॉट से संकेत मिलेगा कि अगले साल कितनी दर कटौती संभव है।
भारतीय शेयर बाजार पर वैश्विक कारकों का भारी असर देखने को मिल रहा है। अमेरिकी फेडरल रिजर्व की नीतियों, ब्याज दरों और वैश्विक अर्थव्यवस्था से जुड़े अनिश्चितताओं के कारण बाजार में गिरावट बनी हुई है। विशेषज्ञों का मानना है कि फेड के फैसले के बाद बाजार में स्थिरता आ सकती है।