रामनिवास रावत का इस्तीफा, MP में अगला वन मंत्री कौन?
भोपाल: विधानसभा उपचुनाव में करारी शिकस्त के बाद गुरुवार को वनमंत्री रामनिवास रावत ने वन मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। अब प्रदेश में अगला वनमंत्री कौन होगा? रह—रहकर यह सवाल राजनीतिक गलियारों में उछल रहा है। प्रदेश में नए वनमंत्री के तौर पर अचानक से पूर्व मंत्री व रहली विधानसभा से 9 बार के विधायक गोपाल भार्गव का नाम सुर्खियों में आ गया। सत्ता के गलियारों में अगले वनमंत्री के लिए भार्गव के नाम पर मुहर लग सकती है। हालांकि सीधी से विधायक व पूर्व सांसद रीति पाठक का नाम भी इस दौड़ में शामिल है। वहीं पूर्व में वनमंत्री रह चुके विजय शाह और नागर सिंह चौहान भी इस दौड़ में शामिल दिखाई दे रहे हैं।
रामनिवास रावत ब्राह्मण वर्ग से आते हैं। अब उनके मंत्रिमंडल से बाहर होने के बाद उम्मीद है कि भाजपा संगठन और सीएम मोहन यादव जातिगत समीकरण साधने के लिए ब्राह्मण वर्ग से ही नाम आगे बढ़ाएंगे। इस नाते सागर जिले सहित एमपी के सबसे सीनियर और कद्दावर नेता व पूर्व मंत्री गोपाल भार्गव का नाम सबसे आगे माना जा रहा है। चूंकी वे शिवराज सिंह चौहान कैबिनेट में भी बड़े-बड़े मंत्रालय संभाल चुके हैं। विधानसभा में प्रोटेम इस्पीकर बन चुके हैं, सदन में सबसे सीनियर व 9 दफा एक ही सीट से जीतकर आएं हैं। इस नाते उनके नाम पर किसी को कोई आपत्ति भी नहीं होगी। हालांकि यदि ब्राह्मण वर्ग व महिला वर्ग को प्राथमिकता देने की बात सामने आई तो संभव हैं कि सीधी विधायक रीति पाठक बाजी मार ले जाएं। दो दिन से उनके नाम की सुगबुगाहट भी तेज हो गई है।
गोपाल भार्गव जो शिवराज कैबिनेट सहित वर्तमान विधानसभा में सबसे सीनियर विधायक हैं, मोहन यादव सरकार व कैबिनेट में उन्हें मंत्री न बनाए जाने के बाद वे आहत नजर आते हैं। जब-तब कई दफा सार्वजनिक मंचों से वे कटाक्ष करते नजर आए तो वर्तमान राजनीति को लेकर भी उन्होंने अपनी पार्टी के नेताओं और सरकार को घेरने में कभी संकोच नहीं किया। वे अपनी बेबाकी और चुटीले अंदाज के लिए भी पहचाने जाते हैं।
सागर जिले की रहली से विधायक गोपाल भार्गव सन 1984-85 से लगातार रहली विधानसभा का प्रतिनिधित्व करते आ रहे हैं। वे इसी सीट से 9 दफा चुनाव जीतकर रिकॉर्ड बना चुके हैं। पूर्वमंत्री भार्गव अपने विधानसभा क्षेत्र की 21 हजार बेटियों के धर्मपिता कहलाते हैं। दरअसल उन्होंने मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत अपने रहली-गढ़ाकोटा में अब तक 21 हजार बेटियों के कन्यादान कराए हैं। इन बेटियों के यहां चौक से लेकर छोटे-बड़े आयोजनों में वे और उनके परिजन शामिल होते हैं।