प्रियंका गांधी का बैग मुस्लिम तुष्टीकरण का प्रतीक …
वायनाड से कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी 16 दिसम्बर को जब संसद भवन आईं तो उन्होंने अपने कंधे पर एक बैग टांग रखा था। इस बैग पर फिलिस्तीन लिखा था। इस बैग पर कई तरह के फिलिस्तीन प्रतीक भी बने हुए थे। इस बैग को लेकर भाजपा ने प्रियंका गांधी पर निशाना साधा। भाजपा का आरोप है कि कांग्रेस मुस्लिम तुष्टीकरण की राजनीति कर रही है। लेकिन प्रियंका गांधी ने 17 दिसम्बर को बंगलादेश में हिन्दुओं और ईसाइयों पर हो रहे हमलों के खिलाफ भी आवाज उठाई। प्रियंका गांधी 17 दिसम्बर को भी संसद में एक बैग लेकर पहुंचीं। इस बैग पर लिखा था-‘बंगलादेश के हिन्दुओं और ईसाइयों के साथ खड़ें हों।’ 16 दिसम्बर को संसद में फिलिस्तीन लिखे बैग को लेेकर पहुंची प्रियंका गांधी पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी हमला बोला।
भाजपा के सांसद संबित पात्रा ने कहा कि नेहरू जी के समय से प्रियंका वाड्रा तक, जब से गांधी परिवार के सदस्य राजनीति कर रहे हैं, वह अपने कंधे पर तुष्टीकरण के बैग को लटकाकर ही चल रहे हैं। प्रियंका गांधी के बैग पर भाजपा के प्रवक्ता अमित मालवीय ने तो यहां तक कह दिया कि कांग्रेस नया मुस्लिम लीग है। प्रियंका गांधी ने इस मुद्दे पर कहा कि मैं अपनी सोच पहले भी कई बार बता चुकी हूं। कौन यह तय करेगा कि मुझे अब क्या कपड़े पहनने हैं। यह पितृसत्ता है कि आप यह तय करें कि औरत क्या पहनेगी। 16 दिसम्बर को जब भाजपा ने फिलिस्तीन लिखे बैग को लेकर प्रियंका गांधी की आलोचना की तो 17 दिसम्बर को प्रियंका गांधी ने बंगलादेश के मुद्दे पर नया बैग ले जाकर यह सवाल उठाया कि भाजपा कांग्रेस पर मुस्लिम तुष्टीकरण का आरोप लगाती है लेकिन बंगलादेश में हिन्दुओं और ईसाइयों पर अत्याचार हो रहे हैं लेकिन भाजपा क्या कर रही है? दरअसल भाजपा कांग्रेस पर मुस्लिम तुष्टीकरण का आरोप लगाती है। यह आरोप तो भाजपा पर भी लगाया जा सकता है। भाजपा हमेशा हिन्दू अधिकारों के बारे में बात करती है। तो क्या वह हिन्दू तुष्टीकरण का कार्ड खेल रही है? यह भी सवाल उठाया जा सकता है कि भाजपा अल्पसंख्यकों के अधिकारों के बारे में क्यों बात नहीं करती है? मुस्लिमों के अधिकारों के बारे में बोलना क्या मुस्लिम तुष्टीकरण है?
भारत केवल हिन्दुओं का नहीं है। भारत मुसलमानों और दूसरे अल्पसंख्यक समुदाय का भी उतना ही है जितना हिन्दुओं का है। कुछ समय पहले भाजपा ने यह भ्रम फैलाया था कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा था कि देश की सम्पत्ति पर पहला अधिकार मुसलमानों का है। तब भाजपा ने कहा था कि कांग्रेस मुस्लिम तुष्टीकरण की राजनीति कर रही है। दरअसल मनमोहन सिंह के इस बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश किया जाता है। यह 18 साल पहले का बयान है। 9 दिसम्बर 2006 को मनमोहन सिंह ने एक संगोष्ठी में कहा था ,‘‘मेरा मानना है कि हमारी सामूहिक प्राथमिकताएं स्पष्ट हैं। अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के लिए योजनाओं को पुुनर्जीवित करने की जरूरत है। हमें नई योजनाएं लाकर यह भी सुनिश्चित करना होगा कि अल्पसंख्यकों का और खासकर मुस्लिमों का भी उत्थान हो सके और उन्हें विकास का फायदा मिल सके। इन सभी का संसाधनों पर पहला हक है।’’
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के इस बयान को ऐसे प्रस्तुत किया गया कि जैसे उन्होंने कहा है कि देश के संसाधनों पर पहला हक मुसलमानों का है। जब मनमोहन सिंह का स्पष्ट भाव यह था कि अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और सभी अल्पसंख्यक विशेषत: मुसलमान बहुसंख्यकों के सामने किसी न किसी रूप में पिछड़े हुए हैं। चाहे वे संख्या के आधार पर पिछड़े हुए हों या फिर संसाधनों के आधार पर। इसलिए उनके उत्थान के लिए पहले उन्हें संसाधनों को इस्तेमाल करने का अवसर दिया जाना चाहिए। जब भारत आजाद हुआ तो जिन मुसलमानों को पाकिस्तान जाना था वे पाकिस्तान चले गए। लेकिन बाकी मुसलमान भारत में ही रह गए। जो मुसलमान भारत में रह गए उन्हें भारत की मिट्टी से प्यार था। उन्होंने भारत को अपना देश माना तभी वे भारत में रहे। भारत में हिन्दू संख्या में ज्यादा हैं। इसलिए भी हिन्दुओं को मुसलमानों का ध्यान रखना चाहिए।
शायद कुछ ऐसे ही भाव को लेकर पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने यह कहा था कि अल्पसंख्यकों और विशेषत: मुसलमानों का पहला हक है। यह मुस्लिम तुष्टीकरण कैसे हो गया। कांग्रेस में हजार कमियां हैं लेकिन क्या कांग्रेस ने अपने राज में हिन्दुओं को मंदिरों में जाने से रोका है? क्या हिन्दुओं पर अत्याचार किए गए हैं? क्या कांग्रेस ने हिन्दुओं को अधिकारों पर प्रतिबंध लगाया है। फिर अल्पसंख्यकों के हकों के बारे में बोलना मुस्लिम तुष्टीकरण कैसे हो गया? आज भाजपा की बहुत सारी सरकारी योजनाओं का लाभ मुसलमान उठा रहे हैं तो यह आरोप तो भाजपा पर लगाया जा सकता है कि वह मुसलमानों को सुविधाएं देकर मुस्लिम तुष्टीकरण करना चाहती है। हो सकता है कि जिस तरह कुछ हिन्दू भी कट्टर होते हैं उसी तरह कुछ मुसलमान भी कट्टर हों लेकिन ज्यादातर मुसलमान अपनी रोजी-रोटी के चक्कर में संघर्ष कर रहे हैं। इसलिए उनके हितों के बारे में बोलना तुष्टीकरण नहीं हो सकता।-रोहित कौशिक