माइग्रेन, जिद्दी सिरदर्द का रामबाण उपचार
माइग्रेन (Migraine) एक तरह का सिरदर्द है नर्वस सिस्टम की समस्या से जुड़ा है। इस समस्या (migraine headache) में सिर में बार-बार आधे हिस्से में ही दर्द होता है तो कभी-कभी पूरे सिर में भी होने लगता है। एक हिस्से में दर्द इतना तेज होता है कि ऐसा लगता है कि सिर में हथौड़ा मार रहा हो। इसमें सिरदर्द के समय सिर के नीचे की धमनियां बढ़ जाती हैं। दर्द वाले हिस्से में सूजन भी आ जाती है। माइग्रेन होने पर पीड़ित को उल्टी, जी घबराना जैसी दिक्कत होती और रोशनी व तेज आवाज के प्रति संवेदनशीलता बढ़ जाती है। यह समस्या कुछ घंटों से लेकर कुछ दिनों तक भी रह सकती है। हालांकि यह समस्या क्यों होती है इसके सही कारण के बारे में स्पष्ट रूप से जानकारी तो नहीं लेकिन इसे आनुवांशिक स्थिति माना जाता है।
जैसे कि हमने बताया कि माइग्रेन में आधे सिर में तेज दर्द होता है और यह तंत्रिका तंत्र से जुड़ा विकार है। वहीं आयुर्वेद के मुताबिक, माइग्रेन दिमाग या चेहरे की रक्त वाहिनियों में हुई गड़बड़ी से होने वाला सिरदर्द है। इसके अलावा खान-पान, वातावरण में बदलाव, तनाव में बढ़ोतरी या ज्यादा सोने से भी हो सकता है। डाइट और लाइफस्टाइल की वजह से वात, पित्त और कफ दोषों में बदलाव आने पर अलग-अलग लक्षणों के साथ यह कई बीमारी का कारण बनते हैं।
वात के कारण सिरदर्द होने पर न्यूरोलॉजी से संबंधित समस्याएं बढ़ती है। तेज दर्द होने पर लंबे समय के बाद आराम मिलता है। न्यूरोलॉजिकल समस्याओं का सिर्फ दिमाग से ही सबंंध नहीं होता बल्कि गर्दन और कान से भी होता है इसलिए ब्रेन की एमआरआई या सीटी स्कैन करवाने पर इसके असली कारण का पता चलता है।
माइग्रेन मुख्य तौर पर दो तरह के होते हैं। क्लासिक और नॉन क्लासिक माइग्रेन। क्लासिक की स्थिति में बहुत सारे लक्षण ऐसे होते हैं जो संकेत देते हैं कि आपको माइग्रेन का दर्द शुरू होने वाला है, जैसे सिर दर्द की शुरुआत से पहले धुंधला दिखना, कुछ में कंधे में जकड़न व जलन आदि। क्लासिक माइग्रेन की अवस्था में रक्तवाहिनियां सिकुड़ने लगती है। ऐसे में डॉक्टर से तुरन्त सम्पर्क करना अच्छा होता है।
नॉन क्लासिक माइग्रेन में समय-समय पर सिर में तेज दर्द होता है लेकिन अन्य लक्षण नजर नहीं आते। ऐसे में सिर दर्द की शुरुआत के साथ ही दर्द की दवाई लेने से आराम पहुंचता है।