Maharashtra: अचानक पैतृक गांव पहुंचे एकनाथ शिंदे…महायुति की बैठक स्थगित, सरकार गठन में देरी
नेशनल डेस्क: महाराष्ट्र के निवर्तमान मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के अपने पैतृक गांव जाने के कारण शुक्रवार को होने वाली महायुति की महत्वपूर्ण बैठक स्थगित हो गई, जिसकी वजह से चुनाव परिणाम घोषित होने के एक सप्ताह बाद भी नयी सरकार नहीं बन पाई है। शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना के सूत्रों ने कहा कि अब महायुति की बैठक रविवार को मुंबई में होने की उम्मीद है। महायुति के सबसे बड़े घटक दल भाजपा के नेताओं ने कहा कि वे विधायक दल की बैठक के लिए केंद्रीय पर्यवेक्षकों के आने का इंतजार कर रहे हैं।
उदय सामंत ने अकटकलों को किया खारिज
इस बीच, शिवसेना नेता उदय सामंत ने इन अटकलों को खारिज कर दिया कि शिंदे नाराज हैं, और इसी वजह से पैतृक गांव के लिए रवाना हुए हैं। सूत्रों ने बताया कि नयी सरकार का शपथ ग्रहण अगले सप्ताह होने की उम्मीद है। शिंदे ने बृहस्पतिवार रात नयी दिल्ली में पत्रकारों से बात करते हुए कहा था कि सरकार गठन के सिलसिले में केंद्रीय गृह मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता अमित शाह के साथ बातचीत सकारात्मक रही और अगले दौर की चर्चा शुक्रवार को मुंबई में होगी। हालांकि, भाजपा सूत्रों ने कहा कि शुक्रवार को महायुति नेताओं की कोई बैठक निर्धारित नहीं थी।
दिल्ली यात्रा के दौरान शिंदे ने शाह से मुलाकात कर राज्य में अगली सरकार के गठन पर चर्चा की थी। राज्य के निवर्तमान मंत्रिमंडल में शिंदे के सहयोगी देवेंद्र फडणवीस (भाजपा) और अजित पवार (राकांपा) ने भी शाह से मुलाकात की थी। शिंदे शुक्रवार सुबह मुंबई लौट आए। शिवसेना सूत्रों के अनुसार, वह शाम को पश्चिमी महाराष्ट्र के सतारा जिले में अपने पैतृक गांव दारे के लिए रवाना हो गए। इससे पहले, शिंदे दक्षिण मुंबई में मुख्यमंत्री के आधिकारिक आवास ‘वर्षा’ में थे, जहां उन्होंने पार्टी नेताओं व विधायकों समेत कई आगंतुकों से मुलाकात की।
शिवसेना नेता शिंदे कई बार कह चुके हैं कि वह सरकार गठन में बाधा नहीं बनेंगे और अगले मुख्यमंत्री के बारे में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और शाह के फैसले का पालन करेंगे। हाल ही में हुए विधानसभा चुनावों में भाजपा के नेतृत्व वाली महायुति की प्रचंड जीत के बाद अगली सरकार में शिंदे की जगह को लेकर शिवसेना में अलग-अलग दृष्टिकोण उभर रहे हैं। शिवसेना के कई नेता शिंदे से कह रहे हैं कि अगर भाजपा उन्हें उपमुख्यमंत्री पद की पेशकश करे तो वह स्वीकार कर लें।
सूत्रों ने कहा कि हालांकि, एक अन्य वर्ग का मानना है कि ढाई साल से अधिक समय तक मुख्यमंत्री रहने के बाद उपमुख्यमंत्री पद स्वीकार करना उनके लिए सही नहीं होगा। भाजपा विधायकों को विधायक दल की बैठक के बारे में कोई सूचना नहीं मिली है, जिसमें वे अपना नेता चुनेंगे। सरकार गठन को लेकर दिल्ली में शाह से मुलाकात के बाद फडणवीस भी शुक्रवार को मुंबई लौट आए। सूत्रों ने कहा कि भाजपा की महाराष्ट्र इकाई के नेताओं ने अनौपचारिक चर्चा की और राज्य इकाई केंद्रीय पर्यवेक्षकों के आगमन का इंतजार कर रही है।
शिंदे, फडणवीस और पवार ने महाराष्ट्र में अगली सरकार के लिए सत्ता के बंटवारे को लेकर समझौते पर जोर देने के लिए बृहस्पतिवार देर रात भाजपा अध्यक्ष जे.पी. नड्डा और शाह से भी मुलाकात की थी। छत्रपति संभाजीनगर में शिवसेना नेता संजय शिरसाट ने कहा कि अगर शिंदे नयी सरकार में उप मुख्यमंत्री का पद स्वीकार नहीं करते तो यह पद उनकी पार्टी के ही किसी व्यक्ति को दिया जाएगा।
पत्रकारों से बात करते हुए शिरसाट ने कहा कि शिंदे निश्चित तौर पर केंद्रीय मंत्री के तौर पर केंद्र सरकार का हिस्सा नहीं बनेंगे। औरंगाबाद पश्चिम विधानसभा सीट बरकरार रखने वाले शिरसाट ने कहा, “अगर शिंदे उपमुख्यमंत्री का पद स्वीकार नहीं करते, तो हमारी पार्टी के किसी दूसरे नेता को यह पद मिलेगा। वह (शिंदे) शाम तक इस बारे में फैसला लेंगे।” शिरसाट के पार्टी सहयोगी शंभुराज देसाई ने कहा कि उनके निर्वाचित विधायकों और पार्टी कार्यकर्ताओं का मानना है कि शिंदे को नयी सरकार का हिस्सा होना चाहिए
इस बीच, शिवसेना नेता उदय सामंत ने इन अटकलों को खारिज कर दिया कि शिंदे नाराज हैं, और इसी वजह से पैतृक गांव के लिए रवाना हुए हैं। उन्होंने पत्रकारों से कहा, ”शिवसेना अध्यक्ष जब बृहस्पतिवार रात दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मिले तो वह अस्वस्थ थे।” शिंदे, देवेंद्र फड़णवीस और अजित पवार के बीच मुंबई में होने वाली बैठक के बारे में पूछे जाने पर सामंत ने कहा, “अगर बैठक भौतिक रूप से नहीं होती है, तो इसे वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए भी किया जा सकता है।”
नाराज नहीं है एकनाथ शिंदे- शिवसेना नेता
शिवसेना नेता ने कहा, “वह (शिंदे) नाराज नहीं हैं। दिल्ली में भी उन्हें बुखार और जुकाम था। यह कहना गलत होगा कि वह नाराज होकर दारे गए हैं।” सामंत ने कहा, “किसी को भी स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं, और यदि वह (स्वास्थ्य कारणों से) किसी अच्छी जगह पर गए हैं, तो यह कहने का कोई मतलब नहीं है कि वह नाराज हैं।” महाराष्ट्र की 288 सदस्यीय विधानसभा के लिए हाल ही में हुए चुनावों में, भाजपा ने 132, शिवसेना ने 57 और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने 41 सीट जीतीं।