पीरियड्स के दौरान हो रहा हद से ज्यादा दर्द? कहीं यह तो नहीं वजह
पीरियड्स के दौरान कई महिलाओं को असहनीय दर्द से गुजरना पड़ता है. अगर बार-बार यह समस्या हो, तो नॉर्मल नहीं माना जा सकता है. एक हालिया रिसर्च में खुलासा हुआ है कि डिप्रेशन से पीड़ित महिलाओं में पीरियड के दौरान ज्यादा दर्द होने की संभावना होती है. इस दर्द को डिसमेनोरिया कहा जाता है और यह पीरियड के दौरान होने वाली परेशानी का कारण बनता है. इस रिसर्च से यह भी पता चला है कि महिलाओं में डिप्रेशन की आशंका पुरुषों की तुलना में दोगुनी होती है. साथ ही डिप्रेशन से पीड़ित महिलाओं को ज्यादा गंभीर शारीरिक लक्षणों का सामना करना पड़ता है.
अब तक यह स्पष्ट नहीं था कि डिप्रेशन और पीरियड पेन के बीच क्या संबंध होता है. इसी को समझने के लिए चीन और यूके के शोधकर्ताओं ने यह स्टडी की. उन्होंने इस स्टडी में जेनेटिक वेरिएशन का विश्लेषण किया और एक विशेष जीन की पहचान की, जो पीरियड के दर्द पर डिप्रेशन के प्रभाव के लिए जिम्मेदार हो सकता है. इस स्टडी के लीड ऑथर शुहे लियू ने कहा कि उनकी रिसर्च के परिणाम इस बात का सबूत देते हैं कि डिप्रेशन डिसमेनोरिया (पीरियड के दर्द) का कारण हो सकता है. उन्होंने यह भी कहा कि इस बात का कोई सबूत नहीं मिला कि पीरियड पेन डिप्रेशन के खतरे को बढ़ाता है.
वैज्ञानिकों ने इस स्टडी के लिए यूरोपियन और पूर्वी एशियाई आबादी पर काम किया. उन्होंने लगभग 600,000 यूरोप के केस और 8000 पूर्वी एशियाई मामलों का विश्लेषण किया. इस डेटा में उन्होंने डिप्रेशन और पीरियड के दर्द के बीच एक मजबूत लिंक पाया. इसके अलावा उन्होंने यह भी अध्ययन किया कि डिप्रेशन से पीड़ित व्यक्तियों में नींद की समस्याएं भी होती हैं और ये पीरियड के दर्द को बढ़ा सकती हैं. नींद की समस्याओं का समाधान करने से पीरियड के दर्द में राहत मिल सकती है. पीरियड के दर्द जैसी समस्याओं का इलाज करते समय मेंटल डिसऑर्डर का भी खयाल रखना चाहिए.
इस स्टडी के शोधकर्ताओं का कहना है कि जब महिलाएं पीरियड के दर्द से परेशान होती हैं, तो अक्सर उनकी मेंटल हेल्थ की जांच नहीं की जाती है. यह रिसर्च इस बात को साबित करता है कि गंभीर पीरियड दर्द से पीड़ित महिलाओं के लिए मानसिक स्वास्थ्य की जांच जरूरी है, ताकि उनकी समस्याओं का बेहतर तरीके से इलाज किया जा सके. हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो यह स्टडी दर्शाती है कि मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के बीच गहरा संबंध है. डिप्रेशन और पीरियड के दर्द को अलग-अलग नहीं समझा जा सकता है, क्योंकि इन दोनों का एक दूसरे पर असर पड़ता है.