जल्दी वजन घटाना है तो 5 आम गलतियां न करें
नारी डेस्क: वजन घटाना आजकल के समय में एक महत्वपूर्ण उद्देश्य बन चुका है, खासकर नए साल के संकल्पों में से एक। हालांकि, फोर्ब्स के सर्वेक्षण के अनुसार, लगभग 34% लोग हर साल वजन घटाने का संकल्प लेते हैं, लेकिन 80% लोग इसे पूरा नहीं कर पाते। इसका कारण यह है कि वजन घटाने की प्रक्रिया में कई बाधाएं आती हैं, जिनका समाधान जानना जरूरी है। इस लेख में हम बताएंगे कि वजन घटाने में रुकावट डालने वाले प्रमुख कारण क्या हैं और इन्हें कैसे हल किया जा सकता है।
बहुत से लोग वजन घटाने की प्रक्रिया में जल्दबाजी करते हैं और बहुत जल्दी रिजल्ट चाहते हैं। लेकिन शोध से यह साबित हुआ है कि एक महीने में 2 से 3 किलो वजन घटाना सबसे आदर्श तरीका है। नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन के अनुसार, यदि आप बहुत तेजी से वजन घटाते हैं, तो इससे आपके शरीर के मसल्स और टिशू कमजोर हो सकते हैं और वजन दोबारा बढ़ने की संभावना भी बढ़ जाती है। कीटो या फैड डाइट जैसी डाइट्स तेजी से वजन घटाती हैं, लेकिन जैसे ही इनका पालन करना छोड़ दिया जाता है, वजन फिर से बढ़ने लगता है। आपको 2 से 3 किलो प्रति माह वजन घटाने का लक्ष्य रखना चाहिए। इससे आपका शरीर धीरे-धीरे वजन घटाएगा, और आपके शरीर के टिशू भी स्वस्थ रहेंगे। यह तरीका लंबे समय तक प्रभावी रहेगा और वजन फिर से बढ़ने का जोखिम भी कम होगा।
वजन घटाने के लिए लोग अक्सर अपनी डाइट में अचानक बदलाव कर देते हैं, जैसे मिठाई को पूरी तरह से छोड़ देना या उबला हुआ खाना खाना शुरू कर देना। आँसास यूनिवर्सिटी के शोध में यह पाया गया है कि जब आप अपनी पसंदीदा चीजों को पूरी तरह से छोड़ देते हैं, तो कुछ समय बाद आपकी क्रेविंग बढ़ जाती है और आप अचानक ज्यादा खा लेते हैं। यह बदलाव टिकाऊ नहीं होता और जल्द ही आप पुराने आहार पर वापस लौट आते हैं। आपको अपनी डाइट को धीरे-धीरे बदलना चाहिए। किसी भी पसंदीदा भोजन को छोड़ने से पहले उसका हेल्दी विकल्प चुनें, ताकि आप क्रेविंग से बच सकें और डाइट में बदलाव को एक स्थायी आदत बना सकें।
नींद की कमी और तनाव भी वजन घटाने में बड़ी रुकावट डालते हैं। स्लीप फाउंडेशन के अनुसार, जब आप पर्याप्त नींद नहीं लेते, तो शरीर में भूख बढ़ाने वाले हार्मोन (जैसे घेलिन) का स्तर बढ़ जाता है, जिससे अधिक भूख लगती है और खासकर तला-भुना खाने की इच्छा होती है। तनाव भी वजन बढ़ाने का कारण बन सकता है, क्योंकि तनाव के दौरान शरीर में ऐसे हार्मोन रिलीज होते हैं, जो भूख को बढ़ाते हैं। वजन घटाने के लिए 7 से 9 घंटे की नींद लेना बहुत जरूरी है। इसके अलावा, तनाव कम करने के लिए आप योग, ध्यान, और गहरी सांस लेने की तकनीकों का पालन कर सकते हैं। यह दोनों चीजें आपकी मानसिक और शारीरिक सेहत को बेहतर बनाए रखने में मदद करेंगी।
वजन बढ़ने के कुछ कारण जेनेटिक हो सकते हैं। कई बार माता-पिता से मिले जीन के कारण शरीर में ऐसे बदलाव होते हैं, जो वजन बढ़ने के लिए जिम्मेदार होते हैं। उदाहरण के लिए, शरीर में कुछ ऐसे जीन होते हैं जो भूख को नियंत्रित करते हैं और कुछ ऐसे होते हैं जो शरीर के फैट को नियंत्रित करते हैं। यदि ये जीन प्रभावित होते हैं, तो वजन बढ़ने की संभावना अधिक होती है। अगर आप समझते हैं कि आपके मोटापे का कारण जेनेटिक है, तो जेनेटिक स्क्रीनिंग करवा सकते हैं। इसके अलावा, हार्मोनल असंतुलन के कारण भी वजन बढ़ सकता है, इसलिए हार्मोन की जांच कराना भी जरूरी हो सकता है।
वजन घटाने के लिए केवल एक्सरसाइज पर निर्भर रहना सही तरीका नहीं है। हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के अनुसार, शरीर कैलोरी बर्न करता है और इसका 60 से 75% हिस्सा आराम के दौरान बर्न होता है, जिसे रेस्टिंग एनर्जी एक्सपेंडिचर कहते हैं। यदि आप सिर्फ एक्सरसाइज करते हैं, तो वजन घटाना उतना प्रभावी नहीं होगा, क्योंकि सही आहार भी जरूरी है। आपको अपने आहार में नट्स, डेयरी प्रोडक्ट्स, अंडे, और दालें शामिल करनी चाहिए। इन खाद्य पदार्थों को पचाने के लिए शरीर को अधिक ऊर्जा खर्च करनी पड़ती है, जो वजन घटाने में मदद करता है। साथ ही, दिनभर में 2-3 लीटर पानी पीना भी जरूरी है।
वजन घटाना एक धीमी और निरंतर प्रक्रिया है, जिसमें धैर्य और संयम की आवश्यकता होती है। कुछ साधारण बदलाव जैसे आहार में धीरे-धीरे बदलाव, पर्याप्त नींद, तनाव को कम करना, और सही व्यायाम की आदतें अपनाकर आप वजन घटाने में सफलता प्राप्त कर सकते हैं। याद रखें कि वजन घटाने के लिए केवल जल्दबाजी करने की बजाय, एक स्थायी और स्वस्थ तरीका अपनाना ज्यादा फायदेमंद होता है।