Govt Job: एमपी में विशेषज्ञ डॉक्टरों के 1190 पद खाली, निकलने वाली है भर्ती
स्वास्थ्य विभाग 441 पदों पर विशेषज्ञ डॉक्टरों की भर्ती करने जा रहा है। यदि यह भर्ती समय पर होती है तो मरीजों और उनके परिजन को मेडिकल कॉलेजों तक लगाई जाने वाली दौड़ पर ब्रेक लग जाएगा, लेकिन उक्त भर्ती के बावजूद भी विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी पूरी नहीं हो पाएगी, क्योंकि प्रदेशभर में विशेषज्ञों के 3638 पद स्वीकृत हैं। इनमें से 1190 पद खाली हैं। 441 पद भरे जाते हैं तब भी 749 पद खाली रह जाएंगे। बढ़ रही ओपीडी ज्यादातर जिला अस्पतालों, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों, सिविल अस्पतालों में विशेषज्ञों की कमी है। खामियाजा यहां पहुंचने वाले कुल में से करीब 10 से 12 फीसदी मरीजों को उठाना पड़ रहा है। एक तो समय पर इलाज नहीं मिलता और मेडिकल कॉलेजों में पहुंचकर अलग परेशान होना पड़ता है, क्योंकि लगभग सभी मेडिकल कॉलेजों में पूर्व की तुलना में ओपीडी बढ़ी है।
डिप्टी सीएम के निर्देश
हाल ही में उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल ने विभाग के अधिकारियों की बैठक ली और विशेषज्ञ डॉक्टरों की भर्ती करने के निर्देश दिए हैं।
मरीज इसलिए रेफर
जिला अस्पतालों सहित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों से मरीजों को विशेषज्ञों की कमी के चलते नजदीकी मेडिकल कॉलेजों से अनुबंधित अस्पतालों में रेफर किया जा रहा है… क्योंकि मेडिकल कॉलेजों के पास सभी विभागों में विशेषज्ञ होते हैं। जो गंभीर मरीजों के इलाज के लिए सक्षम होते हैं।
हर बार खाली
मप्र लोक सेवा आयोग के जरिए दो वर्ष पूर्व करीब 529 विशेषज्ञ डॉक्टरों की भर्ती की गई थी, इसके बाद भी बड़ी संख्या में पद खाली रह गए थे। स्वास्थ्य विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि कुल खाली पदों में से 25 फीसदी पर ही विशेषज्ञ डॉक्टरों की सीधी भर्ती की जा सकती है। बाकी पदों को विभागीय पदोन्नति के तहत भरा जाना होता है, लेकिन जिन पदों से डॉक्टरों को पदोन्नत किया जाना है वहां भी कमी है। कई स्तर पर नियम आड़े आते हैं। ऐसे में पदोन्नति किया जाता है तो मूल पद खाली हो जाएंगे। आम मरीजों को दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता ह