महाराष्ट्र के CM का सस्पेंसएकनाथ शिंदे ने खत्म किया गांव जाने की बताई वजह
एकनाथ शिंदे रविवार को कहा कि उन्होंने पहले ही पार्टी नेतृत्व को अपना बिना शर्त समर्थन दिया है और वह उनके फैसले का समर्थन करेंगे. शिंदे ने कहा, “जो पीएम नरेंद्र मोदी कहेंगे वो हमें मान्य होगा, जो पार्टी अध्यक्ष जे.पी. नड्डा बोलेंगे, वो हमें पूरी तरह से मान्य होगा.”
एकनाथ शिंदे से जब यह पूछा गया कि वो गांव में क्यों हैं, उन्होंने जवाब दिया, “मैं व्यस्त चुनाव कार्यक्रम के बाद आराम करने के लिए यहां आया था… मैंने एक-एक दिन में 8-8 सभाएं की थीं. मैंने सीएम के रूप में अपने 2.5 साल के दौरान कोई छुट्टी नहीं ली, इसी कारण मैं बीमार पड़ गया. अभी मेरी तबीयत अच्छी है, लोग अभी भी मुझसे मिलने के लिए यहां गांव में मेरे घर पर आते हैं.” उन्होंने इस बात का भी भरोसा दिलाया कि महायुति सरकार पहले भी लोगों की बात सुनती थी और हमेशा लोगों की बात सुनेगी.
शिंदे ने कहा कि उनकी सरकार ने पिछले 2.5 वर्षों में जो काम किया है, वह इतिहास में सुनहरे अक्षरों में लिखा जाएगा. उन्होंने कहा, “हमारे पिछले 2.5 साल के कामों के कारण ही लोगों ने हमें ऐतिहासिक जनादेश दिया है और विपक्ष को विपक्ष का नेता चुनने तक का मौका नहीं दिया.” जब उनसे सीएम पद को लेकर पूछा गया तो उन्होंने कहा, “महायुति के तीनों सहयोगियों के बीच अच्छा तालमेल है, 2 दिसंबर को बीजेपी विधायक दल की मीटिंग है. मीटिंग में तय हो जाएगा कि सीएम कौन होगा.”
शिंदे शुक्रवार को सातारा जिले में अपने पैतृक गांव के लिए रवाना हुए थे. इस बीच अटकलें लगाई जाने लगीं कि वह राज्य की नई सरकार के गठन के लिए हो रही कवायद के तरीके से खुश नहीं हैं. उनके एक निकट सहयोगी ने कहा कि शिंदे को अपने पैतृक गांव में तेज बुखार हो गया था, लेकिन अब उनके स्वास्थ्य में सुधार हो रहा है और वह रविवार शाम को मुंबई लौटेंगे.
अभी तक इस बात की घोषणा नहीं की गई है कि नया मुख्यमंत्री कौन होगा, लेकिन भाजपा सूत्रों ने बताया कि देवेंद्र फडणवीस का नाम सबसे आगे है. फडणवीस दो बार मुख्यमंत्री रह चुके हैं और वह कार्यवाहक मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली निवर्तमान सरकार में उपमुख्यमंत्री थे.
भाजपा, शिंदे नीत शिवसेना और अजित पवार नीत राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के महायुति गठबंधन ने विधानसभा चुनाव में शानदार जीत के साथ सत्ता बरकरार रखी. चुनाव परिणाम 23 नवंबर को घोषित किए गए थे. राज्य की 288 सदस्यीय विधानसभा में बहुमत का आंकड़ा 145 है. चुनाव में भाजपा ने 132 सीट, शिवसेना ने 57 और राकांपा ने 41 सीट हासिल की, लेकिन सरकार गठन में देरी हुई क्योंकि महायुति इस बारे में आम सहमति बनाने में विफल रहा कि मुख्यमंत्री कौन होगा.