रोजगार

भारतीय मजदूरों की इजराइल में बढ़ी डिमांड, 5 हजार श्रमिक जाएंगे इजरायल

लखनऊ: विदेश में नौकरी का सपना देख रहे युवाओं के लिए एक बार फिर खुशखबरी सामने आई है। दरअसल, मिशन रोजगार के तहत शुरू हुई भारत-इजराइल ड्राइव 3.0 के पांच हजार मजदूरों की डिमांड एक बार फिर हुई है। इसे लेकर राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान में टेस्टिंग की शुरुआत हुई जो कि अगले महीने की 3 तारीख तक चलेगी। इन श्रमिकों को इजराइल में राजमित्री, टाइल्स, सरिया के जाल, कॉलम व बीम बनाने और बढ़ई के काम मॉल प्रबंधन, और तकनीकी कार्यों में काम करने के अवसर दिए जा रहे हैं।

 जहां उन्हें ₹1.25 लाख से ₹1.5 लाख तक का मासिक वेतन मिल सकेगा। ITI अलीगंज में 4 ट्रेड में भर्ती के लिए ट्रायल लिया जा रहा है। इस दौरान इजराइल के एक्सपर्ट्स भी मौजूद रहे। अभ्यर्थी श्रमिक नौकरी के लिए सुबह से ही पहुंच गए हैं। इस बार जिनका पहले से रजिस्ट्रेशन है और एडमिट कार्ड दिया गया है, उन्हें ही एंट्री दी जा रही है। स्किल टेस्ट का जायजा लेने लगातार अधिकारी भी पहुंच रहे हैं। अभी तक 1200 श्रमिकों का रजिस्ट्रेशन कराया जा चुका है और इस 3.0 ड्राइव में प्रदेश सरकार 5000 श्रमिकों को भेजने का लक्ष्य लेकर चल रही है।

बुधवार को यूपी सरकार के कौशल विकास मंत्री कपिल देव अग्रवाल भारत-इजराइल ड्राइव 3.0 को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने पीएम विश्वकर्मा योजना का भी शुभारंभ किया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री मिशन रोजगार योजना के अंतर्गत उत्तर प्रदेश के कुशल श्रमिकों को इजराइल में रोजगार के नए अवसर प्रदान किए जा रहे हैं, जिससे उन्हें वैश्विक मंच पर पहचान और बेहतर भविष्य का मार्ग मिल रहा है। इजराइल सरकार के साथ हुए एमओयू के तहत अब तक 9,000 से अधिक श्रमिकों को इजराइल में रोजगार मिल चुका है। इन श्रमिकों को भवन निर्माण, मॉल प्रबंधन और तकनीकी कार्यों में काम करने के अवसर दिए जा रहे हैं, जहां उन्हें 1.25 लाख से 1.5 लाख रुपये तक का मासिक वेतन प्राप्त हो रहा है।

श्रमिकों की भाषा एवं कौशल दक्षता को सुधारने के लिए विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं ताकि उन्हें कार्यस्थल पर किसी प्रकार की परेशानी न हो। युवाओं को डिमांड आधारित प्रशिक्षण देकर उन्हें ऐसे क्षेत्रों में तैयार किया जा रहा है जहां उनकी सक्षमता और हुनर का बेहतर उपयोग हो सके। यह पहल केवल रोजगार देने तक सीमित नहीं है, बल्कि इजराइल से अनुभव प्राप्त कर लौटने वाले श्रमिक नए रोजगार सृजन और अपने व्यवसाय को और अधिक उन्नत करने में भी सक्षम हो रहे हैं। योगी सरकार का यह अभूतपूर्व कदम राज्य के युवाओं को अंतरराष्ट्रीय अवसरों से जोड़ने, उनके जीवन स्तर को बेहतर बनाने और प्रदेश की आर्थिक प्रगति में महत्वपूर्ण योगदान देने के लिए प्रतिबद्ध है।

गौरतलब है कि इजराइल ने स्वास्थ्य क्षेत्रों में कौशल अंतर को दूर करने के लिए सितंबर में 10,000 निर्माण श्रमिकों और 5,000 स्वास्थ्य देखभाल कर्मचारियों की भर्ती के लिए अभियान चलाने के इरादे से भारत से संपर्क किया। 

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