संपादकीय

परिसीमन, कास्ट सेंसस के सवाल

आखिर देश में जनगणना की प्रक्रिया शुरू होने के आसार दिखने लगे हैं। हालांकि सरकार की ओर से आधिकारिक घोषणा इसकी अभी भी नहीं हुई है, लेकिन सूत्रों के हवाले से जिस तरह की सूचनाएं मीडिया में आई हैं और उनमें तैयारियों का जितना बारीक ब्योरा दिया गया है, उससे लगता है कि अब सरकार ने मन बना लिया है।

देरी से परेशानी
हर दस साल के अंतर पर होने वाली जनगणना कायदे से 2021 में ही हो जानी चाहिए थी, लेकिन कोविड-19 महामारी से उपजे हालात के चलते इसे स्थगित करना पड़ा। लेकिन 2022 और 2023 के बाद अब 2024 भी बीतने को है। जनगणना में देरी से कई तरह की जटिलताएं पैदा हो रही हैं। लेटेस्ट डेटा उपलब्ध न होने की वजह से सरकारी योजनाओं के तहत फंड आदि के निर्धारण का काम भी 2011 के आंकड़ों के ही आधार पर हो रहा है, जो पुराने पड़ चुके हैं।

परिसीमन से जुड़ी दिक्कत
इस बार की जनगणना को खास बनाने वाली एक बड़ी बात यह है कि इसके साथ परिसीमन संबंधी विवाद भी जुड़ गया है। देश में लोकसभा क्षेत्रों की सीमाओं के पुनर्निर्धारण की प्रक्रिया 2002 में किए गए संशोधन की वजह से टली हुई थी। उसके मुताबिक 2026 के बाद होने वाली जनगणना के आंकड़ों के आधार पर ही नया परिसीमन हो सकता है। अगर जनगणना नियमित अंतराल में होती तो परिसीमन का काम 2031 की जनगणना से मिले आंकड़ों के आधार पर होता। अब बदले हालात में यह 2027 में हो सकता है। इसका मतलब यह हुआ कि 2029 के लोकसभा चुनाव नए परिसीमन के मुताबिक होंगे।

साउथ के राज्यों का डर
इस स्थिति ने दक्षिण और उत्तर के राज्यों का एक अवांछित विवाद खड़ा कर दिया है। चूंकि लोकसभा क्षेत्र के निर्धारण का एक मुख्य आधार जनसंख्या रही है, इसलिए माना जा रहा है कि परिसीमन के बाद लोकसभा में उत्तर भारत के राज्यों का हिस्सा अप्रत्याशित रूप से बढ़ जाएगा, जिससे राष्ट्रीय राजनीति में साउथ का दबदबा कमजोर पड़ेगा। देखना होगा कि सरकार साउथ की आशंका को मिटाने का क्या उपाय निकालती है।

जाति जनगणना की मांग
इस बार की जनगणना के साथ जाति की गणना का प्रश्न भी जुड़ा है। विपक्षी दलों की इस मांग को NDA से जुड़े कुछ दलों का भी समर्थन हासिल है। अभी यह स्पष्ट नहीं है कि इस मसले पर सरकार अपना रुख कितना और कैसे बदलती है। महिलाओं के लिए एक तिहाई आरक्षण की व्यवस्था भी इसी सेंसस के बाद लागू होनी है। साफ है कि इस जनगणना से आबादी के अलग-अलग तबकों की कई सारी उम्मीदें और आशंकाएं जुड़ी हैं, जो इसे सरकार के लिए ज्यादा चुनौतीपूर्ण बनाती हैं।

Show More

Daily Live Chhattisgarh

Daily Live CG यह एक हिंदी वेब न्यूज़ पोर्टल है जिसमें ब्रेकिंग न्यूज़ के अलावा राजनीति, प्रशासन, ट्रेंडिंग न्यूज, बॉलीवुड, बिजनेस, रोजगार तथा टेक्नोलॉजी से संबंधित खबरें पोस्ट की जाती है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button