कांग्रेस के मुंह लगा संविधान संशोधन का खून, इंदिरा ने SC के फैसले को पलटा, राजीव ने कट्टरपंथियों का दिया साथ-पीएम मोदी
भारत के संविधान को अपनाने की 75वीं वर्षगांठ पर चर्चा के दौरान, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि करीब 6 दशक में 75 बार संविधान बदला गया। जो बीज देश के पहले प्रधानमंत्री जी ने बोया था उस बीज को खाद-पानी देने का काम एक और प्रधानमंत्री ने किया, उनका नाम था श्रीमति इंदिरा गांधी। 1971 में सुप्रीम कोर्ट का एक फैसला आया था, उस फैसले को संविधान बदलकर पलट दिया गया था, 1971 में संविधान संशोधन किया गया था। उन्होंने हमारे देश की अदालत के पंख काट दिए थे। जब देश संविधान के 25 वर्ष पूरे कर रहा था उसी समय हमारे संविधान को नोच दिया गया, आपातकाल लाया गया। संवैधानिक व्यवस्थाओं को समाप्त कर दिया गया, देश को जेल खाना बना दिया गया, नागरिकों के अधिकारों को लूट लिया गया, प्रेस की स्वतंत्रता को ताला लगा दिया गया, कांग्रेस के माथे पर यह जो पाप है वह धूलने वाला नहीं है। इमरजेंसी के समय देश के लोगों के अधिकार छीने गए, अखबारों की आजादी पर ताले लगाए, लोकतंत्र का गला घोट दिया, जिस जज ने इंदिरा गांधी के चुनाव लड़ने के खिलाफ आदेश दिया था, उन्हें मुख्य न्यायधीश नहीं बनने दिया गया।
तत्कालीन पीएम राजीव गांधी ने न्याय के लिए लड़ रही महिला के बजाय कानून बनाकर कट्टरपंथियों का साथ दिया। आज, हमारा संविधान 75 वर्ष का हो गया है, लेकिन हमारे लिए, प्रत्येक 25 वर्ष का अवसर महत्वपूर्ण है, प्रत्येक 50 वर्ष महत्वपूर्ण है, और प्रत्येक 60 वर्ष महत्वपूर्ण है। आइए इतिहास पर नजर डालें और देखें कि संविधान की यात्रा के दौरान क्या उपलब्धियां हासिल की गईं। जब भारत अपने संविधान के 25 वर्ष पूरे होने का जश्न मना रहा था, तब हमारे देश के संविधान की धज्जियां उड़ा दी गईं। आपातकाल लगा दिया गया! संवैधानिक प्रावधानों को निलंबित कर दिया गया!
देश को जेल में बदल दिया गया, नागरिकों के अधिकार छीन लिए गए और प्रेस की स्वतंत्रता पर रोक लगा दी गई।
पीएम मोदी ने कहा कि भारत की एकता को मजबूती देने का निरंतर हम प्रयास करते रहे हैं। धारा 370 देश की एकता पर रुकावट बना पड़ा था, दीवार बना पड़ा था। देश की एकता हमारी प्राथमिकता थी जो कि हमारे संविधान की भावना थी और इसलिए धारा 370 को हमने जमीन में गाड़ दिया… हमारे देश में एक लंबे समय तक GST को लेकर चर्चा चलती रही। मैं समझता हूं अर्थव्यवस्था की एकता में GST ने बहुत बड़ी भूमिका अदा की है… यह ‘वन नेशन-वन टैक्स’ की भूमिका को आगे बढ़ा रहा है। हमारे देश में राशन कार्ड गरीब के लिए एक मूल्यवान दस्तावेज रहा है लेकिन गरीब एक राज्य से दूसरे राज्य में जाता था तो उसके पास कुछ भी प्राप्त करने का अधिकार नहीं था… एकता के भाव को मजबूत करने के लिए हमने ‘वन नेशन वन राशन’ कार्ड की बात की।