दालचीनी से PCOS और दिल से जुड़ी बीमारियों के खतरे को कर सकते हैं कम
नारी डेस्क: दालचीनी, जो सदियों से एक प्राकृतिक औषधि के रूप में जानी जाती है, न सिर्फ खाने का स्वाद बढ़ाती है बल्कि इसके अद्भुत औषधीय गुण भी हैं जो कई स्वास्थ्य समस्याओं का समाधान करते हैं। हाल के अध्ययनों के अनुसार, दालचीनी PCOS (पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम) जैसी हार्मोनल समस्याओं और हृदय संबंधी बीमारियों के खतरे को भी कम करने में बेहद प्रभावी साबित हुई है। जानिए कैसे यह सरल और सस्ती मसाला आपकी सेहत को बेहतर बना सकता है।
पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (PCOS) एक हार्मोनल विकार है, जो महिलाओं को प्रजनन आयु में प्रभावित करता है। इसमें अंडाशय में छोटे-छोटे सिस्ट (गांठें) बन जाती हैं, जिससे मासिक धर्म अनियमित हो जाता है। यह न केवल महिलाओं के प्रजनन स्वास्थ्य को बाधित करता है बल्कि वजन बढ़ने, मुंहासे, बाल झड़ने और बांझपन जैसी समस्याओं को जन्म देता है।
PCOS के कारण अक्सर इंसुलिन प्रतिरोध की समस्या भी होती है। इसमें शरीर की कोशिकाएं इंसुलिन हार्मोन के प्रति कम संवेदनशील हो जाती हैं, जिससे ब्लड शुगर का स्तर बढ़ जाता है। यह समस्या हृदय रोग, टाइप-2 डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर का खतरा भी बढ़ा देती है।
दालचीनी के सेवन से न केवल PCOS के लक्षणों को कम किया जा सकता है, बल्कि इससे दिल की बीमारियों के खतरे को भी घटाया जा सकता है। आइए जानते हैं, दालचीनी किस तरह से मददगार है।
PCOS से पीड़ित महिलाओं में वजन बढ़ना एक सामान्य समस्या है। एक अध्ययन के मुताबिक, आठ हफ्तों तक नियमित रूप से दालचीनी का सेवन करने से वजन में उल्लेखनीय कमी देखी गई। दालचीनी मेटाबॉलिज्म को तेज करती है और शरीर की चर्बी को कम करने में मदद करती है।
PCOS और इंसुलिन प्रतिरोध का गहरा संबंध है। दालचीनी ब्लड शुगर के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करती है। एक शोध के अनुसार, दालचीनी के सेवन से उपवास के दौरान ब्लड शुगर का स्तर 10-29% तक कम हो सकता है। यह शरीर की कोशिकाओं को इंसुलिन के प्रति अधिक संवेदनशील बनाती है और रक्त में शर्करा के स्तर को संतुलित करती है।
PCOS में एंड्रोजन (पुरुष हार्मोन) का स्तर बढ़ जाता है, जो मासिक धर्म को अनियमित करता है। दालचीनी हार्मोनल संतुलन बनाए रखने में मदद करती है और मासिक धर्म को नियमित करती है।
PCOS से पीड़ित महिलाओं में LDL (खराब कोलेस्ट्रॉल) का स्तर बढ़ा और HDL (अच्छा कोलेस्ट्रॉल) का स्तर कम हो सकता है, जिससे हृदय रोगों का खतरा बढ़ता है। दालचीनी कोलेस्ट्रॉल के स्तर को सुधारती है और दिल की सेहत को बेहतर बनाती है।