मोदी कैबिनेट के बड़े फैसले, किसानों के लिए नैचरल फॉर्मिंग, छात्रों के लिए वन सब्सक्रिप्शन…
नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने किसान औक कृषि को लेकर बड़ा फैसला किया। सोमवार को हुई कैबिनेट बैठक में नैशनल मिशन ऑन नैचरल फार्मिंग बनाने का फैसला किया गया। इसके अलावा कैबिनेट ने छात्रों के लिए ‘वन नेशन वन सब्सक्रिप्शन’ योजना शुरू करने का निर्णय लिया है। इससे हर स्तर के छात्रों को बड़ी मदद मिलेगी। इतना ही नहीं इस योजना के तहत विश्वस्तरीय जर्नल्स की पूलिंग और कॉमन सब्सक्रिप्शन की भी व्यवस्था होगी।
मोदी कैबिनेट ने रेलवे और पावर सेक्टर को लेकर भी अहम फैसले किए हैं। कैबिनेट बैठक में PAN 2.0 को मंजूरी मिल गई है, अब मौजूदा सिस्टम को अपग्रेड किया जाएगा। इसके अलावा सरकार ने रेलवे के 3 बड़े प्रोजेक्ट्स को भी मंजूरी दे दी है। इसके साथ ही अरुणाचल प्रदेश में 240 मेगावॉट की हाइड्रो इलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट स्थापित किया जाएगा। यह सियोमी जिले में स्थापित होगा, जिससे हर साल 1 अरब यूनिट बिजली उत्पादन का अनुमान है।
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि पीएम मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार किसानों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है। आज इस संबंध में एक बड़ा फैसला लिया गया है ‘नैशनल मिशन ऑन नैचरल फार्मिंग’। यह एक पथ-प्रदर्शक फैसला है, जैसा कि हम सभी जानते हैं कि हमारे देश में भूमि को रसायनों से मुक्त रखने की एक बड़ी आवश्यकता है… इस परियोजना की अनुमानित लागत लगभग 2,481 करोड़ रुपये है।”
वैष्णव ने आगे बताया, ‘युवाओं और छात्रों के लिए, आज जो सबसे बड़ा फैसला लिया गया है, वो है – ‘वन नेशन वन सब्सक्रिप्शन’। हम सभी जानते हैं कि शोध के लिए उच्च गुणवत्ता वाले पब्लिकेशन की जरूरत होती है जो बहुत महंगे होते हैं और इसलिए पीएम ने इसे एक नए रूप में बदल दिया है। सभी विश्वविद्यालय अपने संसाधनों को साझा करेंगे। सभी विश्वस्तरीय जर्नल्स लाए जाएंगे, उनका सब्सक्रिप्शन लिया जाएगा और फिर देश के सभी शैक्षणिक संस्थानों को उपलब्ध कराया जाएगा। इस पर लगभग 100 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान लगाया गया है।
अश्विनी वैष्णव ने कहा, ‘युवाओं को इनोवेशन और उद्यमिता में आगे लाने के लिए भारत में अटल इनोवेशन मिशन की शुरुआत हुई। आज केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 2,750 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत के साथ अटल इनोवेशन मिशन 2.0 को मंजूरी दी है। हमें जानकारी मिली है कि छात्रों को समस्याओं का सामना करना पड़ता है क्योंकि इसके पहले वर्जन में कोई स्थानीय भाषा की अवधारणा नहीं थी, 30 ऐसे इनोवेशन सेंटर खोले जाएंगे जो स्थानीय भाषा में काम करेंगे।’