अंतर्राष्ट्रीय

बच्चों के लिए सोशल मीडिया बैन,  दुनिया का पहला देश ऑस्ट्रेलिया, Log in पर लगेगा ₹270 करोड़ जुर्माना

ऑस्ट्रेलिया में 16 साल से कम आयु के बच्चों के सोशल मीडिया इस्तेमाल करने पर प्रतिबंध मेलबर्न, 29 नवंबर (एपी) ऑस्ट्रेलियाई संसद ने 16 वर्ष से कम आयु के बच्चों के सोशल मीडिया इस्तेमाल करने पर प्रतिबंध लगाने वाले एक विधेयक को शुक्रवार को मंजूरी दे दी, जिसके साथ ही ऑस्ट्रेलिया दुनिया में ऐसा कानून बनाने वाला पहला देश बन गया है।  ऑस्ट्रेलिया में 16 साल तक के बच्चों के लिए सोशल मीडिया का इस्तेमाल प्रतिबंधित करने के लिए एक बिल पास कर दिया गया है. सीनेट की मंजूरी के बाद ये विधेयक कानून बन जाएगा। ये दुनिया में पहली बार हो रहा है जब 16 साल से कम उम्र के बच्चे फेसबुक, इंस्टाग्राम, स्नैपचैट और टिकटॉक जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे. इसके अलावा यह बिल सोशल मीडिया कंपनियों को इस उम्र सीमा को लागू करने के लिए जिम्मेदार बनाएगा। 

यदि नाबालिग इस प्रतिबंध का उल्लंघन करते हैं तो संबंधित प्लेटफॉर्म पर मोटा जुर्माना लगाया जा सकता है। इस कानून में यूट्यूब को स्कूलों में शैक्षिक उद्देश्यों के लिए व्यापक उपयोग के कारण छूट दी गई है। इस कानून के अनुसार टिकटॉक, फेसबुक, स्नैपचैट, रेडिट और एक्स समेत विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म अगर 16 वर्ष से कम आयु के बच्चों को अकाउंट बनाने से रोकने में विफल रहे तो उन पर पांच करोड़ ऑस्ट्रेलियाई डॉलर (3.3 करोड़ अमेरिकी डॉलर)  यानि  ₹270 करोड़ तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। संसद के उच्च सदन सीनेट ने बृहस्पतिवार को विधेयक को मंजूरी दी। विधेयक के पक्ष में 34 जबकि विरोध में 19 वोट पड़े। निचले सदन प्रतिनिधि सभा ने बुधवार को विधेयक को मंजूरी दी थी, जहां विधेयक के पक्ष में 102 जबकि विरोध में 13 वोट डाले गए थे। प्रतिनिधि सभा ने सीनेट में किए गए विपक्ष के संशोधनों को शुक्रवार को स्वीकार कर लिया, जिसके साथ ही विधेयक कानून बन गया।

प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज ने कहा कि इस कानून से उन अभिभावकों को मदद मिलेगी, जो अपने बच्चों को सोशल मीडिया से होने वाले नुकसान को लेकर चिंतित हैं। अल्बनीज ने पत्रकारों से कहा, “सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों पर अब यह सामाजिक जिम्मेदारी आ गई है कि वे यह सुनिश्चित करें कि हमारे बच्चों की सुरक्षा उनके लिए प्राथमिकता है।” सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों को प्रतिबंध पर अमल करने के लिए एक वर्ष का समय दिया जाएगा, जिसके बाद जुर्माना लगाया जाएगा। फेसबुक और इंस्टाग्राम जैसे प्लेटफॉर्म की मालिक कंपनी मेटा ने कहा कि यह कानून जल्दबाजी में बनाया गया है। मेटा ने कहा, “ हम ऑस्ट्रेलियाई संसद द्वारा पारित कानून का स्वाभाविक रूप से सम्मान करते हैं। हालांकि, हम सबूतों पर ठीक से विचार किए बिना जल्दबाजी में कानून पारित किए जाने को लेकर चिंतित हैं।”  

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