अखिलेश यादव ने किया मायावती का सम्मान, उत्तर प्रदेश की राजनीति में मची हलचल
12 जनवरी को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरग़े और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश के बीच में इंडिया गठबंधन में सीटों के बंटवारे को लेकर बात होगी। इस बातचीत में बसपा और मायावती का गठबंधन में आना महत्वपूर्ण हिस्सा रह सकता है। बसपा के मौजूदा सांसद ने भी सूचना दी है कि बसपा, कांग्रेस, सपा और रालोद 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा के नेतृत्व वाली एनडीए से 20-20 का मैच खेल सकते हैं। अमर उजाला.कॉम की खबर पर मुहर लगाते हुए समाजवादी पार्टी के विधायक ने भी बताया कि उनके अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बाकायदा इसका संकेत दे दिया है।
अखिलेश यादव ने विधायकों की बैठक में कहा है कि इंडिया गठबंधन में बसपा सुप्रीमो मायावती को शामिल करने के लिए कांग्रेस बातचीत कर रही है। अखिलेश ने अपने विधायकों से कहा कि मायावती बड़ी नेता हैं। उम्र में बड़ी हैं। उनका सम्मान करना चाहिए। अखिलेश यादव ने बलिया में अपने बयान के बाद बसपा के साथ बढ़ी तल्खी पर भी बोला। उन्होंने कहा कि उनके बयान का गलत अर्थ निकाला गया। बलिया से अखिलेश यादव के बयान और बढ़ी तल्खी को उनके करीबी संजय लाठर ने भी बड़ी गंभीरता से लिया था। लेकिन सपा अध्यक्ष के बयान के बाद अब उत्तर प्रदेश में नई राजनीतिक हलचल देखने को मिल सकती है।
रालोद के जयंत चाहते हैं गठबंधन में बसपा का साथ
कांग्रेस पार्टी के रणनीतिकार और उत्तर प्रदेश में सक्रिय नेता का कहना है कि हमारी कोशिश सभी विपक्षी दलों को साथ लाकर और एकजुटता के साथ चुनाव लड़ऩा है। सब पूरी ताकत से मिलकर लड़ेंगे, तो भाजपा और एनडीए को कड़ी चुनौती दी जा सकती है। उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय भी इसी से सहमत बताए जाते हैं। कांग्रेस महासचिव और उत्तर प्रदेश के प्रभारी अविनाश पांडे राज्य में पार्टी को मजबूत बनाने पर काम कर रहे हैं। कांग्रेस के ही कानपुर क्षेत्र के एक नेता ने कहा कि रालोद के मुखिया जयंत चौधरी समाजवादी पार्टी के साथ मजबूती से खड़े हैं, लेकिन जयंत भी चाहते हैं कि विपक्षी गठबंधन में बसपा शामिल हो। सूत्र का कहना है कि जब तक गठबंधन और सीटों के बंटवारे की रूपरेखा अंतिम रूप न ले ले, तब तक कुछ कहना ठीक नहीं है।