अफगानिस्तान में अचानक आई बाढ़ ने मचाई तबाही… अब तक 300 लोगों की मौत, हजारों लोग हुए बेघर
अफगानिस्तान में भारी बारिश और फिर अचानक आई बाढ़ ने कई जिलों में तबाही मचाई हुई है. अब तक 300 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है और हजारों घर क्षतिग्रस्त हो चुके हैं. हजारों परिवार बेघर हो गए हैं और हजारों जानवरों की भी मौत हो चुकी है. संयुक्त राष्ट्र खाद्य एजेंसी के मुताबिक बाढ़ के कारण लोगों को खाने पीने की चीजों की भी किल्लत हो गई है. बड़े पैमाने पर मानवीय संकट पैदा हो गया है.
रिपोर्ट्स के मुताबिक देश के उत्तर में स्थित बागलान प्रांत के 10 जिलों में कुल 5996 परिवार बाढ़ से प्रभावित हुए हैं. इनमें से 3995 परिवारों के घर पूरी तरह बह गए हैं. बाढ़ में 9160 जानवर मर गए हैं, जबकि 19070 एकड़ जमीन सैलाब बन गई है.
कई अंतरराष्ट्रीय सहायता समूहों में से एक यूनिसेफ के मुताबिक, मरने वालों में कम से कम 51 बच्चे शामिल हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने बाढ़ पीड़ितों के लिए 7 टन दवाएं और आपातकालीन किट भेजी हैं. सहायता समूह सेव द चिल्ड्रन ने बताया कि लगभग 6 लाख लोग बगलान के पांच जिलों में रहते हैं, जो बाढ़ से गंभीर रूप से प्रभावित हुए हैं. उन्होंने बच्चों और उनके परिवारों की सहायता के लिए मोबाइल स्वास्थ्य और बाल संरक्षण टीमों के साथ एक “क्लिनिक ऑन व्हील्स” भेजा है.
स्थानीय अधिकारी हेदायतुल्ला हमदर्द ने न्यूज एजेंसी एएफपी को बताया कि सेना सहित आपातकालीन कर्मी कीचड़ और मलबे के नीचे पीड़ितों की तलाश कर रहे हैं. जिन परिवारों ने अपने घर खो दिए थे, उन्हें टैंट, कंबल और भोजन मुहैया कराया गया. काबुल को उत्तरी अफगानिस्तान से जोड़ने वाली मुख्य सड़क बंद है.
अधिकारियों ने कहा कि मूसलाधार बारिश ने बघलान, तखर और बदख्शां के साथ-साथ पश्चिमी घोर और हेरात प्रांतों में भारी नुकसान पहुंचाया है. यह देश गरीबी से जूझ रहा है और कृषि पर बहुत अधिक निर्भर है.
संयुक्त राष्ट्र महासचिव, एंटोनियो गुटेरेस ने कहा कि हम अफगानिस्तान के लोगों के साथ अपनी एकजुटता व्यक्त करते हैं और पीड़ितों के परिवारों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करते हैं. वहीं उनके प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र सहायता प्रदान करने के लिए स्थानीय अधिकारियों के साथ काम कर रहा है.