Forest Fire Uttarakhand: धधक रहे जंगल, घुट रहा दम; नैनीताल में आग बेकाबू- तस्वीरों में देखें
जागरण संवाददाता, नैनीताल: Forest Fire Uttarakhand: शहर के आसपास सहित पर्वतीय क्षेत्र के जंगलों में चौतरफा आग लगी है। पहाड़ियां धधकने से शहर में धुआं ही धुआं है। एयरफोर्स स्टेशन लड़ियाकांटा की पहाड़ी के साथ ही सातताल, गेठिया सेनिटोरियम के आसपास, पटवाडांगर, ज्योलीकोट सहित छह स्थानों पर जंगलों का बड़ा क्षेत्र जल रहा है।
शहर के टिफिनटाप सहित नयना पीक के अलावा स्नोव्यू, कैमल्स बैक आदि पहाड़ियां में धुआं ही धुआं नजर आ रहा है। शहर के निचले इलाकों में तक जंगल की आग की वजह से धुंध छाई हुई है। ऐसे में नैनीताल में प्रदूषण चार गुना बढ़ गया है। वन विभाग के साथ ही दमकल विभाग के प्रयास के बाद भी जंगल की आग बेकाबू है। वन विभाग का आलम यह है कि इस बार जंगल की आग प्रबंधन की मानिटरिंग में वरिष्ठ आइएफएस अफसरों को नोडल अफसर तक नहीं बनाया गया।
दरअसल, पिछले सालों तक मुख्यालय में अपर पीसीसीएफ सहित पीसीसीएफ स्तर के अधिकारियों को जिलों का नोडल अफसर बनाकर जंगल की आग नियंत्रण में मुख्यालय व जिलों के बीच समन्वय बढ़ाने के लिए भेजा गया। एक सप्ताह तक अफसर जिलों में जमे रहे और इससे वन विभाग के सिस्टम को रिचार्ज करने में मदद मिली, लेकिन इस बार अब तक नोडल अफसरों की तैनाती नहीं की गई।
इस मामले में पीसीसीएफ हेड हाफ डिपार्टमेंट अनूप मलिक का कहना है कि इस बार सूखे की स्थिति अत्यधिक है, इसलिए आग की घटनाएं अधिक हो रही हैं। उन्होंने नोडल अफसरों की तैनाती से साफ इन्कार करते हुए कहा कि मुख्य वन संरक्षक, वन संरक्षक व डीएफओ लगातार फील्ड पर जंगल की आग नियंत्रण में जुटे हैं। साथ ही वन विभाग की मशीनरी को एक्टिव बनाने के साथ ही प्रशासन24 घंटे में जल गया आठ हेक्टेयर वन क्षेत्र
सीमांत जिले पिथौरागढ़ में वनाग्नि का प्रकोप कम नहीं हो पा रहा है। पिछले 24 घंटे में जिले में आठ हेक्टेयर वन क्षेत्र जलकर खाक हो गया है। वन विभाग ने छह घटनाएं दर्ज की है, जबकि जिले में दर्जनभर स्थान में जंगल जल रहे हैं।पिछले 24 घंटे के दौरान वन विभाग में दर्ज छह घटनाओं में आरक्षित और पंचायती वन क्षेत्र का आठ हेक्टेयर वन क्षेत्र प्रभावित हुआ है।
जिले में अब तक आरक्षित वन क्षेत्र का 38.25 हेक्टेयर और पंचायती वनों का 76 हेक्टेयर क्षेत्र आग की चपेट में आ चुका है। वन विभाग ने 29 लाख रुपये का नुकसान होने का दावा किया है। जिले में अभी भी गुरना, थल गोरीछाल, गंगोलीहाट, घाट सहित कई क्षेत्रों में जंगलों में आग लगी हुई है। तापमान अधिक होने से आग नियंत्रण में नहीं आ पा रही है। जिले के आरक्षित वनों में आग लगने की 27 घटनाएं हो चुकी है। जबकि पंचायती वनों में 49 पंचायत घटनाएं दर्ज की गई है। जंगलों की आग से जिले भर में धुंध छाई हुई है। व पुलिस के साथ समन्वय बनाकर जंगल की आग प्रबंधन में लगे हैं।
चार गुना बढ़ा नैनीताल में प्रदूषण
जंगलों की आग की चपेट में शहर का वातावरण बुरी तरह प्रभावित हो गया है। सरोवर नगरी के इर्द-गिर्द इन दिनों वातावरण चार गुना प्रदूषित हो चुका है। आमतौर पर नैनीताल में प्रदूषण की दर 20 से 25 पी एम 2.5 (पाल्यूटेड मैटर) रहता है, जो इन दिनों 100 पार कर गया है। जिस कारण यहां का स्वच्छ वातावरण धुंधला हो चला है। यह स्थिति आग की वजह से बनी रहेगी। शहर के आसपास की पहाड़ियों में धधक रही आग बुझाने में फायर सर्विस तथा वन कर्मचारियों की टीम के पसीने छूट गए हैं।