अंतर्राष्ट्रीय

कैसे दोस्त दुश्मन बन गए… पाकिस्तानी एयरस्ट्राइक के जवाब में तालिबान ने PAK सेना को बनाया निशाना

पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बॉर्डर पर सब कुछ ठीक नहीं है. वैसे तो अगस्त 2021 में अफगानिस्तान में तालिबान के सत्ता में आने के बाद से ही दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ने लगा था, लेकिन अब दोनों मुल्क जंग की कगार पर पहुंचते नजर आ रहे हैं.

जानकारी के मुताबिक, सोमवार को पाकिस्तान की सेना ने अफगानिस्तान में घुसकर एयरस्ट्राइक की. इस हमले में तीन बच्चों समेत 8 लोगों के मारे जाने का दावा किया गया है. पाकिस्तान की इस हरकत के बाद तालिबान भी भड़क गया है और उसने अंजाम भुगतने की धमकी दी है. बताया जा रहा है कि तालिबान ने बॉर्डर पर पाकिस्तानी सैनिकों पर फायरिंग की.

फिलहाल, दोनों मुल्कों के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया है. पाकिस्तान ने अफगानिस्तान पर आतंकियों को पनाह देने का इल्जाम लगाया है. जबकि, तालिबान इन आरोपों को खारिज करता है.

अफगानिस्तान पर दोष मढ़ना बंद करे पाकिस्तान’

न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, सोमवार को पाकिस्तानी सेना ने पूर्वी अफगानिस्तान के पक्तिका और खोस्त प्रांत में एयरस्ट्राइक की. तालिबान का दावा है कि इस हमले में 5 महिलाएं और 3 बच्चों की मौत हुई है.

अभी तक पाकिस्तान की ओर से ये नहीं बताया गया है कि ये हमला क्यों किया गया. लेकिन पाकिस्तान सरकार और सुरक्षा अधिकारियों का दावा है कि हाल के महीनों में आतंकी हमले बढ़े हैं, जिनकी जिम्मेदारी तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) ने ली है. टीटीपी अफगानिस्तान की सरजमीं से पाकिस्तान पर हमले कर रहा है.

हालांकि, अफगानिस्तान के तालिबान ने पाकिस्तान के इन आरोपों को खारिज किया है. तालिबान के प्रवक्ता जबीउल्लाह मुजाहिद ने कहा कि अफगानिस्तान किसी को भी अपनी सुरक्षा से समझौता करने की इजाजत नहीं देता है.

मुजाहिद ने कहा कि पाकिस्तान अपनी सरजमीं पर कंट्रोल नहीं कर पा रहा है, तो उसे वहां की समस्याओं के लिए अफगानिस्तान पर दोष नहीं मढ़ना चाहिए. ऐसी घटनाओं (एयरस्ट्राइक) के बहुत बुरे अंजाम हो सकते हैं, जो पाकिस्तान के कंट्रोल से बाहर होंगे.

दोनों मुल्कों के बीच क्यों बढ़ा तनाव?

अफगानिस्तान में जब से तालिबान सत्ता में आया है, तब से पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच तनाव कुछ ज्यादा बढ़ा है. ऐसे में दोनों मुल्कों की सीमाओं पर गोलीबारी और हवाई हमले कोई नई बात नहीं रह गई है.

अफगानिस्तान की सत्ता संभालने के बाद पाकिस्तान को उम्मीद थी कि अफगान तालिबान टीटीपी को काबू में रखेगा, लेकिन ऐसा हुआ नहीं. बल्कि टीटीपी और तेजी से बदल गया है. कहा जाता है कि पहले टीटीपी में कई सारे गुट थे, जो आपस में लड़ते-झगड़ते रहते थे, लेकिन तालिबान के सत्ता में आने के बाद सब एक हो गए. यही वजह है कि दोनों मुल्कों के बीच तनातनी बढ़ी.

तालिबान के आने के बाद पाकिस्तान में टीटीपी के आतंकी हमले बढ़ गए हैं. पाकिस्तान दावा करता है कि टीटीपी के आतंकी अफगानिस्तान में पनाह लिए हुए हैं और वहां से वो पाकिस्तान पर हमलों को अंजाम देता है. जबकि, तालिबान इससे इनकार करता है.

पाकिस्तान में बढ़े आतंकी हमले

ये टीटीपी ही था, जिसने 2012 में मलाला युसुफजई पर हमला किया था. टीटीपी ने मलाला को गोली मारी थी. टीटीपी ने मलाला को ‘वेस्टर्न माइंड गर्ल’ बताया था.

टीटीपी पाकिस्तान में कई बड़े आतंकी हमलों की जिम्मेदारी ले चुका है. 2014 में पेशावर के एक आर्मी स्कूल में टीटीपी ने हमला किया था, जिसमें 150 लोग मारे गए थे. इससे पहले 2008 में इस्लामाबाद के मैरियट होटल और 2009 में आर्मी हेडक्वार्टर पर भी हमला किया था.

रिपोर्ट के मुताबिक, बीते कुछ सालों में पाकिस्तान में आतंकी हमले तेजी से बढ़े हैं. थिंक टैंक पाकिस्तान इंस्टीट्यूट फॉर पीस स्टडीज के मुताबिक, 2023 में पाकिस्तान में 306 आतंकी हमले हुए थे, जिसमें 693 लोग मारे गए थे. 2022 की तुलना में आतंकी हमलों में 17 फीसदी की बढ़ोतरी हुई थी.

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