कचरा रिसाइकिल उद्योग: 11 लाख लोगों को मिलेगा रोजगार…
देश में स्वच्छता अभियान पर सरकार के जोर देने और साफ-सफाई के प्रति लोगों में जागरूकता ने कचरा रिसाइकिल उद्योग को नई रफ्तार दी है। उद्योग से जुड़ी कंपनियां कचरा रिसाइकिल क्षमता बढ़ाने के लिए नई तकनीकों पर भारी निवेश के साथ पर्यावरण संरक्षण पर भी विशेष ध्यान दे रही है।
रीसस्टेनिबिलिटी लि. के प्रबंध निदेशक एवं सीईओ मसूद मलिक ने बताया, आज देश के शहरी इलाकों में प्रतिदिन करीब तीन लाख टन कचरा निकलता है। इसमें से सिर्फ 20 फीसदी का ही हर दिन रिसाइकिल हो पाता है। इससे पता चलता है कि इस उद्योग में आगे बढ़ने की अपार संभावना है। उम्मीद है कि उद्योग का आकार 2030 तक बढ़कर तीन लाख करोड़ रुपये का हो जाएगा, जो अभी 60,000 करोड़ है। 1.25 लाख रोजगार देने वाले कचरा रिसाइकिल उद्योग में 2030 तक 11 लाख से अधिक लोगों को काम देने की क्षमता है।
यूपी में प्लांट लगाएगी रीसस्टेनिबिलिटी लि.
हैदराबाद समेत देश के कई शहरों में फैली कंपनी अब यूपी के लखनऊ में भी कचरा रिसाइकिल प्लांट लगाने की तैयारी कर रही है। करीब 5,000 करोड़ रुपये की कंपनी सिंगापुर समेत 11 देशों में फैली हुई है। कंपनी न सिर्फ कचरा रिसाइकिल करती है, बल्कि उससे टाइल्स, खाद, पॉलीबैग, बिजली समेत अन्य उत्पाद बनाती है।
हर दिन 3,000 टन कचरे से बिजली बनाती है कंपनी
रीसस्टेनिबिलिटी लि. हैदराबाद के जवाहर नगर स्थित अपने प्लांट में हर दिन 2,500 से 3,000 टन कचरे से बिजली बनाती है। इसके अलावा, वह अमेरिकी कंपनी रेल्डन के साथ संयुक्त उद्यम वाले ई-वेस्ट रिफाइनरी में सालाना 20,000 टन ई-कचरा प्रॉसेस करती है।