प्लास्टिक मुक्त होगा Mahakumbh 2025, श्रद्धालुओं के लिए…
प्रयागराज: पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल करते हुए संतों के सर्वोच्च संगठन अखाड़ा परिषद् ने भी महाकुंभ 2025 को प्लास्टिक मुक्त बनाने का संकल्प लिया है। इस वर्ष स्नान के लिए निर्धारित प्रमुख दिनों पर महाकुंभ मेला क्षेत्र में पांच करोड़ श्रद्धालुओं एवं स्थायी रूप से 50 लाख कल्पवासियों के ठहरने का अनुमान है। प्लास्टिक मुक्त महाकुंभ की तैयारियों के साथ ही स्वच्छता के पुख्ता इंतजाम सुनिश्चित करने के लिए मेला क्षेत्र में लाखों की संख्या में टॉयलेट और डस्टबिन भी लगाए जा रहे हैं। इस लक्ष्य को सफल बनाने की दिशा में विशेष कार्य योजना तैयार कर उसके दिशा-निर्देशों को सख्ती से लागू किया गया है।
मिशन मोड पर शुरू किए जा चुके हैं सभी कार्य
सूत्रों ने बताया कि सभी कार्य मिशन मोड पर शुरू किए जा चुके हैं, ताकि महाकुंभ 2025 का आयोजन न केवल धार्मिक एवं सांस्कृतिक द्दष्टिकोण से ऐतिहासिक हो, बल्कि वैश्विक स्तर पर स्वच्छता की द्दष्टि से भी एक प्रेरक बन सके। महाकुंभ में सिंगल यूज प्लास्टिक को बैन करने के साथ ही उसके विकल्प के रूप में दोने-पत्तल, कुल्हड़, जूट एवं कपड़े के थैले आदि जैसे प्राकृतिक उत्पाद बड़े स्तर पर तैयार किए जा रहे हैं। इस कार्य के लिए उत्तर प्रदेश के 28 जिलों सहित बिहार, मध्य प्रदेश, ओडिशा, झारखंड, छत्तीसगढ़ और उत्तराखंड की महिलाओं को जिम्मेदारी दी गई है। प्रयागराज मेला प्राधिकरण की ओर से महाकुंभ के दौरान मेला क्षेत्र में ही इन प्राकृतिक उत्पादों के स्टॉल लगाकर पूरे क्षेत्र में सप्लाई की जाएगी।
ये निर्देश किए गए जारी
प्रयागराज नगर निगम ने मेला क्षेत्र के दुकानदारों को भी प्राकृतिक उत्पादों का ही प्रयोग करने का निर्देश जारी किया गया है। सिंगल यूज प्लास्टिक के उत्पादों के प्रयोग की रोकथाम के लिए 250-250 के बैच में करीब 1800 गंगा सेवादूतों को प्रशिक्षित किया जा रहा है। ये गंगा सेवादूत महाकुंभ में स्वच्छता के साथ ही मेला क्षेत्र को प्लास्टिक मुक्त बनाने में बेहद अहम भूमिका निभाएंगे। विशेष तौर पर ये सेवादूत शौचालय, सड़कों की सफाई व्यवस्था, टेंट सिटी का निरीक्षण करेंगे और किसी तरह की गंदगी या गड़बड़ी पाए जाने पर इन्फॉर्मेशन, कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी (आईसीटी) सिस्टम के माध्यम से शिकायत दर्ज करा सकते हैं। साथ ही शहर में सभी पॉलिथीन बैग के थोक विक्रेताओं को भी पूरे शहर में पॉलिथीन की सप्लाई रोकने के निर्देश जारी किए गए हैं। इसके अलावा प्रमुख स्नान अवधि के दौरान स्थानीय उद्योग अस्थायी रूप से बंद रहेंगे, ताकि गंगा घाटों की स्वच्छता एवं पवित्रता बनी रहे और लाखों भक्तों के लिए एक स्वच्छ, सुरक्षित वातावरण तैयार हो सके।