गांव-देहात में जहां नहीं आती फोन की रेंज, वहां डायरेक्ट-टू-सेल टेक्नोलॉजी पेश, स्पीड अभी कम लेकिन बढ़ेगी
नई दिल्ली. अमेरिकी अरबपति एलन मस्क की कंपनी स्टारलिंक ने डायरेक्ट-टू-सेल (DTC) नामक टेक्नोलॉजी पेश की है, जिसके जरिए बिना किसी सिम कार्ड और स्पेसिफिक हार्डवेयर के मोबाइल फोन सैटेलाइट से कनेक्ट हो जाएगा. मस्क ने ऐलान किया है कि पहला स्टारलिंक सैटेलाइट कान्स्टलेशन पूरा हो गया है. डीटीसी टेक्नोलॉजी दूरदराज के एरिया में यूजर्स को बिना किसी खास इक्विपमेंट के इंटरनेट का इस्तेमाल करने में सक्षम बनाएगा.
आसान भाषा में कहें तो डायरेक्ट-टू-सेल टेक्नोलॉजी सैटेलाइट वह संचार सिस्टम है जो स्मार्टफोनों को सीधे सैटेलाइट्स से जोड़ने की अनुमति देती है, जिससे यूजर्स बिना किसी ट्रेडिशनल मोबाइल टावर के कॉल, टेक्स्ट और इंटरनेट का इस्तेमाल कर सकते हैं.
मस्क का ऐलान 4 दिसंबर, 2024 को कैलिफोर्निया के वैंडेनबर्ग स्पेस फोर्स बेस से 20 स्टारलिंक सैटेलाइट्स के सफल लॉन्च के बाद की गई, जिनमें से 13 सैटेलाइट्स डायरेक्ट-टू-सेल क्षमता से लैस है.
वर्तमान में प्रति बीम बैंडविड्थ लगभग 10 एमबीपीएस है. मस्क ने संकेत दिया कि भविष्य में स्पीड बढ़ जाएंगी. इस बढ़ोतरी से यूजर्स के अनुभव में सुधार होने की उम्मीद है, खासकर उन क्षेत्रों में जहां ट्रेडिशनल इंटरनेट इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी है या मौजूद नहीं है. स्टारलिंक प्रोजेक्ट का मकसद ग्लोबल ब्रॉडबैंड कवरेज देने के लिए लो अर्थ ऑर्बिट में हजारों सैटेलाइट्स को तैनात करना है. अब तक मस्क की कंपनी स्पेसएक्स 7,000 से भी ज्यादा स्टारलिंक सैटेलाइट्स अंतरिक्ष में भेज चुकी है
कब लॉन्च हुई डीटीसी
स्टारलिंक की डायरेक्ट-टू-सेल सेवा का पहला सेट 2 जनवरी 2024 को लॉन्च किया गया था. अभी इसके जरिए केवल टेक्स्ट भेजा गया है. यह सर्विस 2025 में टेक्स्टिंग और कॉलिंग के साथ-साथ डेटा सर्विस के लिए पूरी तरह से सक्रिय हो जाएगी. स्पेसएक्स बड़े पैमाने पर डायरेक्ट-टू-सेल क्षमता वाले स्टारलिंक उपग्रहों की तैनाती अंतरिक्ष में कर रहा है.