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थाईलैंड में “रेंटल वाइफ” प्रथा, किराए पर मिलती हैं खूबसूरत पत्नियां ! जानें कैसे होता चयन और तय होती है कीमत

थाईलैंड  जो अपनी प्राकृतिक खूबसूरती और समुद्र तटों के लिए दुनियाभर में मशहूर है, अब एक विवादास्पद सामाजिक प्रथा के चलते चर्चा में है। हाल ही में प्रकाशित एक किताब ने थाईलैंड में “रेंटल वाइफ” प्रथा की वास्तविकता को उजागर किया है। इस प्रथा में महिलाएं कुछ समय के लिए किराए पर पत्नी बनकर रहती हैं। इसे वाइफ ऑन हायर  और “ब्लैक पर्ल” जैसे नामों से भी जाना जाता है। लावर्ट ए इमैनुएल की किताब  “थाईलैंड्स टैबू: द राइज ऑफ वाइफ रेंटल इन मॉडर्न सोसाइटी”  में इस प्रथा को विस्तार से समझाया गया है। इसमें बताया गया है कि कैसे यह प्रथा धीरे-धीरे एक संगठित व्यवसाय का रूप ले चुकी है।  

क्या है “रेंटल वाइफ” प्रथा ? 
  – यह एक अस्थायी अनुबंध है, जिसमें महिलाएं कुछ समय के लिए पत्नी की भूमिका निभाती हैं।  
  – यह विवाह का वैध रूप नहीं है, बल्कि इसे एक व्यवसाय के रूप में देखा जा रहा है।  
  – यह व्यवस्था कुछ दिनों से लेकर कई महीनों तक के लिए हो सकती है।  

 कैसे होता है चयन और तय होती है कीमत? 

1. चयन प्रक्रिया 
   – ये महिलाएं आमतौर पर बार, नाइट क्लब, या रेड लाइट इलाकों में काम करती हैं।  
   – विदेशी पर्यटक उनकी प्रमुख ग्राहक होते हैं।  
   – महिलाओं का चयन उनकी आकर्षकता, उम्र, शिक्षा, और सामाजिक व्यवहार के आधार पर होता है।  

2. भुगतान की संरचना 
   – महिला की उम्र, समय की अवधि, और अन्य कारकों के आधार पर कीमत तय होती है।  
   – किराया $1600 (लगभग ₹1.3 लाख)  से शुरू होकर $116,000 (लगभग ₹96 लाख)  तक जा सकता है।  

 
 प्रथा का प्रभाव और विवाद 

1.  महिलाओं की मजबूरी 
   – अधिकतर महिलाएं गरीब परिवारों से आती हैं।  
   – यह उनके लिए पैसे कमाने और परिवार का पालन-पोषण करने का एक तरीका बन गया है।  

2. पर्यटन से संबंध   
   – थाईलैंड में पर्यटन इस प्रथा का बड़ा हिस्सा है।  
   – पटाया और अन्य प्रमुख पर्यटन स्थलों में यह व्यवसाय तेजी से फल-फूल रहा है।  

3. कानूनी स्थिति 
   – इस प्रथा को नियंत्रित करने के लिए फिलहाल कोई स्पष्ट कानून नहीं है।  
   – सरकार ने माना है कि इसे नियमित करने के लिए कानून बनाना आवश्यक है।  


 जापान और कोरिया से प्रेरणा 

– जापान और कोरिया जैसे देशों में ऐसी सेवाएं पहले से मौजूद हैं।  
– शहरीकरण और लोगों के व्यस्त जीवन ने इस प्रथा को बढ़ावा दिया है।  
– थाईलैंड में सामाजिक स्वतंत्रता और रिश्तों के प्रति लचीले दृष्टिकोण ने इसे और भी स्वीकार्य बना दिया है।  

 क्या कहती है सरकार? 

थाईलैंड सरकार ने स्वीकार किया है कि “रेंटल वाइफ” प्रथा देश में मौजूद है और तेजी से व्यवसाय का रूप ले रही है।  
– सरकार का मानना है कि इसे नियंत्रित करने और समाज में संतुलन बनाए रखने के लिए कानून की आवश्यकता है।  
– इस प्रथा को लेकर वैश्विक बहस जारी है, और इसके सामाजिक और नैतिक प्रभावों पर चर्चा हो रही है। 

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