योगी Vs राहुल : महाराष्ट्र की पिच पर कौन हुआ बोल्ड, किसने लगाए छक्के
महाराष्ट्र के चुनावी दंगल में जनता फैसला करने को तैयार है. बुधवार को वोट डाले जाएंगे. महाविकास अघाड़ी हो या फिर महायुति दोनों ओर से पूरी कोशिश की गई. आखिरी बॉल पर छक्के लगाने के प्रयास किए गए. किसी ने गुगली मारी तो किसी ने क्लीनबोल्ड करने की कोशिश की. नतीजा क्या होगा, यह तो 23 नवंबर को पता चलेगा, लेकिन दोनों ओर के सबसे बड़े खिलाड़ियों ने इस खेल में कैसे शॉट लगाए, वो जानना ज्यादा महत्वपूर्ण है.
बीजेपी की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूरे राज्य में 10 रैलियां की, जबकि गृहमंत्री अमित शाह ने 16 रैलियां. योगी आदित्यनाथ की डिमांड भी खूब रही. यूपी में उपचुनाव और झारखंड में चुनाव के बावजूद उन्होंने 11 रैलियों को संबोधित किया. नितिन गडकरी ने 52 सभाएं कीं जबकि देवेंद्र फडणवीस ने 54 सभा. मगर सबसे ज्यादा चर्चा योगी आदित्यनाथ की थी. क्योंकि उनके बयान सुर्खियां बने. उनपर बात हुई. आरोप लगे और शिकायत तक दर्ज कराई गई. उधर, महाविकास अघाड़ी की ओर से राहुल गांधी ने 8 रैली और 2 प्रेस कांफ्रेंस की. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने 7 रैलियां और तीन सभाएं कीं. जबकि प्रियंका गांधी ने दो रैलियों को संबोधित किया.
आज हम दोनों ओर के दो बड़े खिलाड़ियों के बारे में बात करेंगे. इस चुनाव में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने खटाखट-खटाखट और संविधान बचाओ नारो के जरिये शॉट लगाने की कोशिश की तो यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ दनादन चौके-छक्के लगाते नजर आए. जातिधर्म, पाकिस्तान-फिलिस्तीन से लेकर छत्रपति महाराज तक, हर मुद्दे उठाए और जनता को समझाने की कोशिश की. बंटोगे तो कटोगे काफी हिट रहा, तो राहुल गांधी की तिजोरी की खूब चर्चा हुई. आइए जानते हैं किसकी गुगली कितनी धारदार रही.
राहुल गांधी की 8 रैलियां, जानें क्या उठाए मुद्दे
पहले दिन संविधान पर बात
राहुल गांधी ने महाराष्ट्र में शुरुआत ‘संविधान बचाओ सम्मेलन’ से की. आरएसएस के गढ़ नागपुर से उन्होंने हुंकार भरी और बीजेपी-संघ को संविधान विरोधी करार दिया. उनसे संविधान बचाने की बात कही. जाति आधारित जनगणना कराने का वादा किया. ये भी कहा, आरक्षण की 50 प्रतिशत की सीमा तोड़ देंगे. यहीं से उन्होंने पिछड़ों और दलितों को एक हो जाने के लिए कहा.
दूसरे दिन फोकस में आदिवासी
राहुल गांधी जब 14 नवंबर को वे नांदेड़ पहुंचे तो उनके मुद्दे बदल गए. कहा कि बीजेपी आदिवासियों को वनवासी कहकर उनका हक छीनने की कोशिश में है. अनुसूचित जनजातियों से संबंधित मुद्दे उठाकर राहुल गांधी ने आदिवासियों-दलितों को संदेश देने की कोशिश की. इसी सभा में उन्होंने अपने हाथ में संविधान की लाल किताब लहराते हुए कहा कि इस किताब में आपका नाम आदिवासी लिखा है.
तीसरे दिन खटाखट का जिक्र
16 नवंबर को अमरावती पहुंचे राहुल गांधी ने फिर संविधान की लाल किताब दिखाई. कहा-कांग्रेस संविधान को देश का डीएनए मानती है, जबकि भाजपा और आरएसएस के लिए यह एक कोरी किताब है. गोंडिया की रैली में उन्होंने खटाखट का एक बार फिर जिक्र किया और कहा सरकार बनते ही सबके खाते में पैसे भेजेंगे. कहा-मेरी छवि बिगाड़ने में करोड़ों रुपये खर्च किए गए.
आखिरी दिन क्रोनी कैपिटलिज्म पर वॉर
चुनाव प्रचार के आखिरी दिन उन्होंने ‘सेफ शॉट’ खेला. मुंबई में प्रेस कांफ्रेंस कर धारावी पर सरकार को घेरा. कहा-सरकार सिर्फ उद्योगपतियों को बचा रही है. उनका कर्ज माफ कर रही है. गरीबों और किसानों का धन छीनकर उन्हें दे रही है. जनता इस बार चुनाव में उन्हें सबक सिखाने वाली है. हालांकि, बीजेपी ने ये कहकर मजाक उड़ाया कि वही हाल होगा, जो लोकसभा चुनाव में हुआ.
योगी आदित्यनाथ की 11 रैलियां, क्या मुद्दे छाए रहे
1.योगी आदित्यनाथ ने वाशिम में अपनी पहली रैली के जरिए ही महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव का सियासी एजेंडा सेट किया.
2.‘बंटेंगे तो कटेंगे’, ‘एक रहेंगे तो नेक और सेफ रहेंगे’ नारे के साथ हिंदुत्व के मुद्दे को धार देते नजर आए.
3.योगी आदित्यनाथ ने पाकिस्तान से लेकर फिलीस्तीन तक जिक्र किया तो हनुमान चालीसा का मुद्दा उठाया.
4.छत्रपति शिवाजी के बहाने योगी ने जातियों में बिखरे हिंदू वोटों को एकजुट करने की कोशिश करते भी नजर आए.
5.‘बंटेंगे तो कटेंगे’ पर विरोध शुरू हुआ तो उसे छत्रपति शिवाजी महाराज और औरंगजेब से जोड़ दिया.
6.कहा-भारत की चिंता की बजाय कुछ लोग पाकिस्तान और फिलीस्तीन के लिए घड़ियाली आंसू बहाते हैं.
7.अमरावती में पूर्व सांसद नवनीत राणा का जिक्र कर कहा, उन्हें हनुमान चालिसा के लिए भी संघर्ष करना पड़ा, ये कैसा दिन है.
8.आगरा के म्यूजियम को शिवाजी महाराज से जोड़ दिया, कहा-हमने उसका नाम औरंगजेब से बदलकर छत्रपति शिवाजी की स्मृति में रखा.
9.अयोध्या, काशी और मथुरा तक का जिक्र किया. उद्धव पर हमला करते हुए कहा-इन्हें देश, धर्म, राष्ट्रवाद, समाज की परवाह नहीं.