चार प्रमुख कारकों पर तय होगी भारतीय शेयर बाजार की दिशा
नयी दिल्ली, शेयर बाजार की दिशा इस सप्ताह व्यापक आर्थिक आंकड़ों, सितंबर तिमाही के नतीजों, वैश्विक रुझानों और विदेशी निवेशकों के रुख से तय होगी। विश्लेषकों ने यह बात कही। गुरु नानक जयंती के अवसर पर शुक्रवार को शेयर बाजार बंद रहेंगे।
स्वास्तिका इन्वेस्टमार्ट लिमिटेड के शोध प्रमुख संतोष मीना ने कहा, ”भारत में 12 नवंबर को सीपीआई और आईआईपी आंकड़े जारी होंगे, जबकि डब्ल्यूपीआई आंकड़े 14 नवंबर को आ सकते हैं। वैश्विक स्तर पर, 13 नवंबर को अमेरिका में मुद्रास्फीति की रिपोर्ट आएगी, जो फेडरल रिजर्व के आगामी नीति रुख को प्रभावित कर सकती है।”
मीना ने कहा कि प्रमुख वैश्विक घटनाओं और दूसरी तिमाही के नतीजों के बाद बाजार का ध्यान प्रमुख व्यापक आर्थिक आंकड़ों पर होगा। इस सप्ताह बैंक ऑफ इंडिया, बीईएमएल, हिंडाल्को इंडस्ट्रीज, ओएनजीसी, अपोलो टायर्स और ब्रेनबीज सॉल्यूशंस के तिमाही नतीजों की घोषणा की जाएगी। उन्होंने कहा कि अमेरिकी बॉन्ड प्रतिफल और डॉलर सूचकांक का प्रदर्शन भारत जैसे उभरते बाजारों के लिए महत्वपूर्ण होगा।
विश्लेषकों ने कहा कि वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड में उतार-चढ़ाव और रुपया-डॉलर विनिमय दर से भी बाजार प्रभावित होगा। मास्टर कैपिटल सर्विसेज लिमिटेड की निदेशक पलका अरोड़ा चोपड़ा ने कहा, ”बाजार का रुख भारत के सीपीआई, औद्योगिक उत्पादन, विनिर्माण उत्पादन और डब्ल्यूपीआई मुद्रास्फीति के आंकड़ों के साथ ही अमेरिका के सीपीआई, कोर सीपीआई, प्रारंभिक बेरोजगारी दावे, ब्रिटेन के जीडीपी आंकड़ों और चीन के औद्योगिक उत्पादन के आंकड़ों से प्रभावित होगा।”
पिछले सप्ताह बीएसई सेंसेक्स में 237.8 अंक या 0.29 प्रतिशत और निफ्टी में 156.15 अंक या 0.64 प्रतिशत की गिरावट आई। जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार ने कहा, ”भारतीय बाजार में कमजोरी की मुख्य वजह एफआईआई की लगातार बिकवाली है, जो इस महीने भी जारी है।” मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड के शोध प्रमुख सिद्धार्थ खेमका ने कहा कि मिलेजुले वैश्विक कारकों और कमजोर तिमाही नतीजों के कारण बाजार में उतार-चढ़ाव जारी रहने की उम्मीद है।