महाराष्ट्र

Maharashtra Shivsena Row: INDIA गठबंधन में उद्धव की पावर घटेगी, शिंदे का क्या होगा? समझिए महाराष्ट्र में स्पीकर के फैसले के मायने

महाराष्ट्र विधानसभा स्पीकर राहुल नार्वेकर ने बुधवार (10 जनवरी 2024) को विधायकों के खिलाफ अयोग्यता मामले में बड़ा फैसला सुनाया. नार्वेकर ने अपने फैसले में कहा कि शिंदे गुट ही असली शिवसेना है. स्पीकर का ये फैसला सीएम एकनाथ शिंदे के लिए काफी अहम माना जा रहा है, क्योंकि इसी साल लोकसभा और राज्य में विधानसभा चुनाव होने हैं.

स्पीकर ने अपने फैसले में क्या कहा?


स्पीकर राहुल नार्वेकर ने कहा कि 2022 के विद्रोह के दौरान उद्धव ठाकरे के पास एकनाथ शिंदे को शिवसेना विधायक दल के नेता पद से हटाने की शक्ति नहीं थी. स्पीकर ने कहा, निर्वाचन आयोग के फैसले के आधार पर उन्होंने पार्टी के 1999 के संविधान को वास्तविक संविधान माना. यह चुनाव आयोग के रिकॉर्ड में था. शिवसेना के 1999 के संविधान के मुताबिक, पार्टी प्रमुख के हाथों में सत्ता की शक्ति नहीं रही थी. दूसरी ओर, ठाकरे गुट ने दावा किया कि 2018 में संविधान में संशोधन किया गया, जिससे सत्ता वापस पार्टी प्रमुख के हाथों में आ गई. चुनाव आयोग ने दावा किया कि 2018 का दस्तावेज उसके सामने नहीं रखा गया था. स्पीकर नार्वेकर ने कहा, 2022 में हुई बगावत के दौरान एकनाथ शिंदे खेमा ही असली शिवसेना था. शिवसेना ‘प्रमुख’ के पास किसी भी नेता को पार्टी से हटाने की शक्ति नहीं है.


शिंदे और ठाकरे के लिए स्पीकर के फैसले के क्या हैं मायने?


– स्पीकर के फैसले से महाराष्ट्र में न सिर्फ शिंदे सरकार बच गई, बल्कि इससे उन्हें लोकसभा और विधानसभा चुनाव में शिंदे बीजेपी और अजित पवार की एनसीपी के सामने सीटों को लेकर अपनी मांग को उठाने की भी ताकत मिलेगी. महाराष्ट्र में इस साल नवंबर में विधानसभा चुनाव होने हैं.

INDIA गठबंधन में कांग्रेस और एनसीपी के साथ चल रही सीट शेयरिंग की बातचीत के बीच उद्धव के लिए ये फैसला बड़ा झटका माना जा रहा है. उद्धव ठाकरे 2019 के प्रदर्शन के आधार पर महाराष्ट्र में अपने खेमे के लिए 48 में से 23 सीटें मांग रहे हैं. उद्धव गुट का दावा है कि 2019 चुनाव में शिवसेना ने 18 सीटों पर जीत हासिल की थी. हालांकि, तब शिंदे गुट ने बगावत नहीं की थी. ऐसे में स्पीकर का ये फैसला महागठबंधन में उनकी बार्गेनिंग पावर को घटा सकता है.


– 2019 लोकसभा चुनाव में राज्य की 48 सीटों में से बीजेपी ने 23 पर, शिवसेना (अविभाजित) ने 18, एनसीपी ने 4 और कांग्रेस ने 1 सीट हासिल की थी.


– हालांकि, जानकारों का मानना है कि उद्धव ठाकरे को इस फैसले के बाद काफी हद तक जनता की सहानुभूति मिल सकती है. 2024 में पार्टी का प्रदर्शन काफी हद तक इस पर निर्भर करता है. ठाकरे गुट लगातार दावा कर रहा है कि कैसे शक्तिशाली बीजेपी को घेरने की वजह से उन्हें निशाना बनाया गया.


– एकनाथ शिंदे गुट में शिवसेना के 39 विधायक हैं. हालांकि, उद्धव गुट के पास अभी भी ग्राउंड स्तर पर कार्यकर्ताओं का समर्थन है. यही वजह है कि वे आधी पार्टी टूट जाने के बावजूद गठबंधन में 23 सीटें मांग रहे हैं.

फैसले पर क्या बोले दोनों गुट?


उद्धव ठाकरे ने स्पीकर के फैसले के बाद कहा कि यह लोकतंत्र की हत्या है और सुप्रीम कोर्ट का अपमान है. वहीं उद्धव के बेटे आदित्य ठाकरे ने कहा कि हम सुप्रीम कोर्ट जाएंगे. संजय राउत ने कहा, शिवसेना महाराष्ट्र के रगों रगों में है, हम सुप्रीम कोर्ट जरूर जाएंगे. ये फैसला साजिश है. बीजेपी की साजिश है कि शिवसेना को खत्म कर दिया जाए लेकिन कभी ऐसा नहीं होने वाला.


मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि लोकतंत्र में बहुमत महत्वपूर्ण है और ये हमारे पास है. महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि हमारी सरकार कार्यकाल पूरा करेगी. वहीं राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के चीफ शरद पवार ने कहा कि उम्मीद है कि सुप्रीम कोर्ट से न्याय मिलेगा. कांग्रेस ने कहा कि राहुल नार्वेकर का फैसला संविधान के तहत नहीं है.


क्या है पूरा मामला?


दरअसल, जून 2022 में शिंदे के नेतृत्व में शिवसेना के 39 विधायकों ने तत्कालीन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के खिलाफ बगावत कर दी थी. इसके बाद उद्धव ठाकरे की सरकार गिर गई थी. इतना ही नहीं शिंदे खेमे ने शिवसेना पर भी अपना दावा ठोक दिया था. इसके बाद दोनों गुटों ने एक-दूसरे के विधायकों को अयोग्य ठहराने की मांग करते हुए याचिकाएं दायर की थीं.

Show More

Daily Live Chhattisgarh

Daily Live CG यह एक हिंदी वेब न्यूज़ पोर्टल है जिसमें ब्रेकिंग न्यूज़ के अलावा राजनीति, प्रशासन, ट्रेंडिंग न्यूज, बॉलीवुड, बिजनेस, रोजगार तथा टेक्नोलॉजी से संबंधित खबरें पोस्ट की जाती है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button